बैंक कर्मियों की हड़ताल से लेन-देन ठप

By: Feb 1st, 2020 12:23 am

2017 से वेतन में इजाफा न होने से केंद्र के खिलाफ धरना, करोड़ों रुपए के कारोबार पर असर

चंबा –यूनाइटेड फोरम आफ  बैंक यूनियन के आह्वान पर श्ुक्रवार को जिला के तमाम राष्ट्रीयकृत बैंकों के परिसरों में अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ताले लटके रहे। बैंक परिसरों के बंद होने के बीच ही एटीएम में भी नकदी खत्म होने के चलते लोगों को मुश्किलें दोगुना होकर रह गई।  हड़ताल की सूचना की जानकारी न होने के चलते बैंकिंग संबंधी कामकाज के लिए मुख्यालय पहुंचे लोगों को भी बैरंग वापस लौटना पड़ा। श्ुक्रवार को चंबा जिला में राष्ट्रीयकृत बैंकों की हड़ताल से पचास करोड़ रूपए से अधिक का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। हालांकि शुक्रवार को राज्य सहकारी बैंक और हिमाचल ग्रामीण की बैंक शाखाआें में रोजाना की तरह लेन- देन हुआ।  राष्ट्रीयकृत बैंकों में अत्यधिक लेन-देने होने के कारण आम जनमानस को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। शुक्रवार सवेरे यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते स्टेट बैंक आफ  इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूको व सेंट्रल बैंक आदि की शाखाओं के परिसर पर ताले लटके दिखे। जिला के बनीखेत, डलहौजी, सलूणी, तीसा, भरमौर, पांगी, चुवाडी, सिहुंता व ककीरा आदि क्षेत्रों में संचालित राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं बंद रही। इन क्षेत्रों में बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने मांगों के समर्थन में हल्ला बोला। मुख्यालय में सवेरे करीब ग्यारह बजे मांगों के समर्थन में बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने एसबीआई परिसर के बाहर केंद्र सरकार व वित्त मंत्रालय के खिलाफ  नारेबाजी भी की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बैंक स्टाफ  के वेतन मंे वर्ष 2017 से बढ़ोतरी नही हो पाई।  इसके अलावा काम अवधि निर्धारण और सप्ताह में पांच दिन बैंकिंग के अलावा पुरानी पेंशन योजना बहाली भी मुख्य मांग में शामिल है। क्षेत्रीय सचिव एसबीआई आफिसर्ज एसोसिएशन कांगडा-चंबा धमेंद्र शर्मा ने बताया कि यूनाइटेड फोरम आफ  बैंक यूनियन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में दस यूनियनों के करीब दस लाख अधिकारियों व कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया है।  


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