भगवान शिव हैं पंच देवों के प्रधान

By: Feb 20th, 2020 12:20 am

नालागढ़ – नालागढ़ शहर के एकादश रूद्र महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि उत्सव के उपलक्ष्य में चल रही 38वीं शिव महापुराण कथा के प्रवचनों की अमृतमयी वर्षा करते हुए वेद व्यास आचार्य चंदन शर्मा भारद्वाज वाकनाघाट वाले ने कहा कि महाशिवपुराण एक प्रमुख और सुप्रसिद्ध पुराण है, जिसमें परात्म पर परब्रहम परमेश्वर के शिव (कल्याणकारी) स्वरूप का तात्विक निवेचन, रहस्या, महिमा एवं उपासना का सुविस्तृत वर्णन है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव मात्र पौराणिक देवता ही नहीं, अपितु वह पंचदेवों में प्रधान, अनादि सिद्ध परमेश्वरए एवं निगमागम आदि सभी शास्त्रों के महिमामंडित महादेव है। उन्होंने कहा कि श्रुतियों ने सदा शिव को स्वयंभू, शांत, प्रपंचातीत, परात्पर, परमतत्व, ईश्वरों के भी परम महेश्वर कहकर स्तुति की है। उन्होंने कहा कि जिस जगह पर कथा का आयोजन होता है, वह स्थल पवित्र हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान भोलेनाथ की सच्चे मन से पूजा अर्चना व आराधना की जाए तो भगवान शिव सभी पर प्रसन्न होते है। उन्होंने कथा प्रवचनों के साथ संकीर्तन भी किया, जिस पर उपस्थित भक्तजन थिरकने पर विवश हुए। शिव भक्त ओंकार गुप्ता ने बताया कि 22 फरवरी को कथा की पूर्णाहुति पड़ेगी और तब तक नित्य प्रतिदिन दो से पांच बजे तक कथा प्रवचन और रात्रि सात से नौ बजे तक भजन-संकीर्तन किया जाएगा। उन्होंने क्षेत्रवासियों से आह्वान किया कि वह इस पावन अवसर पर कथा श्रवण करने के लिए पधार कर पुण्य के भागी बनें।


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