लोक नृत्य में छाया समूरकलां कालेज
ऊना – भाषा एवं संस्कृति विभाग ऊना के सौजन्य से एकदिवसीय जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। समापन कार्यक्रम में डीसी संदीप कुमार ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश हमेशा अपनी विशेष संस्कृति, लोकनृत्य एवं लोक कलाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराएं अत्यंत समृद्ध हैं तथा प्रदेश में अनेक मेले एवं त्योहार मनाएं जाते हैं। इनमें समृद्ध संस्कृति, कला और जन आस्था की जीवंत छवि देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि इन विशेषताओं के संरक्षण तथा संवर्धन को राज्य सरकार ने प्राथमिकता प्रदान की है। डीसी संदीप कुमार ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति लुप्त होती जा रही है जो एक चिंता का विषय है इसलिए पुरानी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस प्रकार के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। इस मौके पर डीसी ने जनहित में कर रहे कार्यों के लिए व्यक्तियों को सम्मानित किया। वहीं, जिला स्तरीय लोक नृत्य प्रतियोगिता में जिले भर से आए लगभग 210 कलाकारों ने विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य, पंजाबी भंगड़ा व हिमाचली लोक गीतों के माध्यम से रगांरग कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दी। प्रथम स्थान शिक्षा भारती डिग्री कालेज समूरकलां ने जीता। मुख्यातिथि ने उन्हें ट्रॉफी व 12 हजार रुपए प्रदान किए। द्वितीय स्थान पर रहे श्री गंगा राम दहाजा मंडली जठेड़ा का दस हजार रुपए। जबकि तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले आर्य पब्लिक स्कूल बंगाणा को आठ हजार रुपए नकद पुरस्कार के रूप में दिए गए। कार्यक्रम का शुभारंभ एसडीएम ऊना डा. सुरेश जसवाल ने किया। इस मौके पर उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा पीसी राणा, जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया, जिला समन्वयक नेहरु युवा केंद्र ऊना लाल सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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