विटिलिगों रोग का शुरुआती अवस्था में ही उपचार संभव
नारायणगढ़ – होम्योपैथी एक सफल, सुरक्षित एवं सुलभ पद्धति है। होम्यापैथिक दवाईयां व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करती है। जिससे बिमारी के दौबारा से होने की सम्भावना बहुत कम होती है। इस बारे में जानकारी देते हुए होम्योपैथिक चिकित्सक डा. सोमा चक्रवर्ती ने बताया कि विटिलगों यानि सफेद दाग त्वचा का रोग हैं इसमें त्वचा के प्राकृतिक रंग की जगह सफेद छोटे धब्बें हो जाते हैं। शुरू में हाथ, पांव, कोहनी, गर्दन, कमर, चेहरे, होठ पर छोटे सफेद दाग हो जाते हैं। आपस में मिलकर ये बड़ा आकार ले लेते हैं। ये ऑटोइमयून बिमारी हैं, त्वचा का रंग बनाने वाली मेले नोसाईटर नष्ट होने के कारण यह होता हैं। होम्योपैथी में इसका इलाज किया जाता हैं। रोगी के लक्षण, रोगी की प्रवृति तथा उसकी मानसिक अवस्था का आकलन कर दवाई का चुनाव होता हैं। विटिलिगो रोग का शुरूआती अवस्था में उपचार सम्भव हैं। सरकारी हस्पताल नारायणगढ़ की होम्योपैथिक ओ.पी.डी में काफी संख्या विभिन्न रोगों के मरीज आते हैं और उनका उपचार उपरांत बहुत अच्छे परिणाम आते है। यहां दवा के साथ रोगी को अपनी दिनचर्या सही करने को कहा जाता हैं, इसके साथ रोगी की मानसिक स्थिति के लिए काउसिंलिंग भी की जाती हैं जिससे वह किसी अवसाद या तनाव में न जाए और बडी परेशानी से बच सके। मरीज इधर-उधर से काफी इलाज कराने के बाद भी आराम न आने पर निराश होकर होम्योपैथिक इलाज से काफी लाभविन्त हुए।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App