शबरी धाम

By: Feb 8th, 2020 12:21 am

माना जाता है कि शबरी धाम वही जगह है जहां शबरी और भगवान राम की मुलाकात हुई थी। शबरी धाम अब एक धार्मिक पर्यटन स्थल में परिवर्तित हो गया है…

भारत में मौजूद माता शबरी के मंदिरों में हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शबरी जयंती मनाई जाती है। इस बार यह जयंती 15 फरवरी को मनाई जा रही है। मान्यता है कि भगवान राम की अनन्य उपासक शबरी ने अपने आराध्य को जूठे बेर खिलाए थे। इसका प्रसंग रामायण, भागवत पुराण, रामचरितमानस, सूरसागर, साकेत जैसे ग्रंथों में मिलता है। शबरी धाम दक्षिण-पश्चिम गुजरात के डांग जिले के आहवा से 33 किलोमीटर और सापुतारा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर सुबीर गांव के पास स्थित है। माना जाता है कि शबरी धाम वही जगह है, जहां शबरी और भगवान राम की मुलाकात हुई थी। शबरी धाम अब एक धार्मिक पर्यटन स्थल में परिवर्तित हो गया  है। यहां से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पंपा सरोवर है। ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहां हनुमान की तरह शबरी ने भी स्नान किया था। घने जंगल को वही दंडकारण्य माना जाता है, जहां से 14 साल के वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण और सीता गुजरे थे। यहां के जनजातीय लोगों की लोककथाएं भगवान राम, सीता और लक्ष्मण से भरी हुई हैं। रामायण के अनुसार शबरी ने भगवान राम को जंगली बेर खिलाए थे, लेकिन इससे पहले उन्होंने इन बेरों को चखकर यह सुनिश्चित कर लिया था कि ये मीठे हैं या नहीं। भगवान राम शबरी की इस भक्ति को देखकर मोहित हो गए थे। यहां पर एक छोटी सी पहाड़ी पर एक छोटा सा मंदिर बना हुआ है और लोगों का मानना है कि शबरी यहीं रहती थीं। यहां मंदिर के आसपास छोटे-छोटे बेर के पेड़ दिखते हैं। मंदिर में रामायण से जुड़ी और खासतौर पर रामायण के शबरी प्रसंग से जुड़ी तस्वीरें बनी हुई हैं। यहां शबरी कुंभ आयोजित होता है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App