शिक्षकों पर लापरवाही के आरोप बर्दाश्त नहीं

By: Feb 20th, 2020 12:30 am

मतियाना स्कूल की लैब में हुए ब्लास्ट पर स्कूल प्रवक्ता संघ ने शिक्षा विभाग और सरकार की जांच पर उठाए सवाल

शिमला – हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने मतियाणा स्कूल में लैब में हुए हादसे पर अपना पक्ष रखा है। स्कूल प्रवक्ता संघ ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मतियाना में प्रैक्टिकल के दौरान हुए हादसे पर दुःख प्रकट किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, महासचिव संजीव ठाकुर, मुख्य संगठन सचिव राजेश सैणी, राज्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा, वित्त सचिव धीरज व्यास ने बताया कि इस घटना में घायल हुए बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की संघ कामना करता है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इस घटना के लिए अध्यापकों के ऊपर जो लापरवाही के आरोप लगाए जा रहे हैं, संघ उसका विरोध करता है। फोरेंसिक जांच टीम द्वारा यह कहना कि अध्यापकों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है, यह बदार्श्त नहीं किया जाएगा। संघ ने कहा कि विज्ञान अध्यापकों को पै्रक्टिकल के साथ-साथ वाइवा भी लेना पड़ता है, ऐसे में प्रैक्टिकल के साथ-साथ जब वाइवा लिया जाता है, तो उसके लिए एक अलग स्थान निश्चित होता है, जहां बच्चे एक-एक कर वाइवा देते हैं। जांच टीम द्वारा या प्रशासन द्वारा इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि अगर अध्यापक लैब के बाहर थे, तो वे वाइवा लेने मे व्यस्त थे और लैब में एक अप्रशिक्षित लैब असिस्टेंट थे, जिनको प्रशिक्षित करना विभाग का काम है। इसके लिए अध्यापकों व लैब असिस्टेंट को दोषी ठहराना समझ से परे है। संघ ने सरकार व विभाग से ऐसे विषयों पर गंभीरता से विचार कर ऐसी व्यवस्था कायम करने की मांग की है, जिससे इस प्रकार के हादसों पर पूरी तरह से रोक लगे। संघ ने लैब मे कार्य करने वाले अध्यापकों,  बच्चों, लैब असिस्टेंट की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं देने की मांग की है। संघ के पदाधिकारियों ने मांग की है कि स्कूलों में नियुक्त लैब असिस्टेंट को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए औऱ भविष्य मे विशेष प्रशिक्षण प्राप्त लैब असिस्टेंट ही नियुक्त किए जाए। संघ ने सरकार से मांग की है कि अनावश्यक रूप से अध्यापकों को दोषी न ठहरा कर लैब में आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करवाया जाए। संघ के पदाधिकारियों ने छात्रों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।

प्रैक्टिकल को दिए जाएं रक्षा कवच

शिक्षकों का कहना है कि अगर दस्ताने और मास्क पहने होते, तो इतना बड़ा हादसा न होता। जो यह स्पष्ट करता है कि प्रैक्टिकल करवाने के लिए इस तरह के रक्षाकवचों की आवश्कता रहती है, जिन्हें कभी भी स्कूलों में उपलब्ध नहीं करवाया जाता। हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने कहा कि लैब में जो लैब असिस्टेंट नियुक्त कर रखे हैं, उन्हें विभाग द्वारा किसी भी तरह का कोई प्रशिक्षण प्रदान नहीं किया गया है। वे कोई प्रशिक्षित लैब असिस्टेंट नहीं हैं, बिना प्रशिक्षित लैब असिस्टेंट के प्रैक्टिकल के दौरन किसी भी तरह के हादसे के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता


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