शिवरात्रि पर पारंपरिक व्यजनों की खुशबू से महकेगी आनी

By: Feb 20th, 2020 12:20 am

आनी- महाशिवरात्री का पावन पर्व आनी घाटी में शुक्रवार को प्राचीन परंपरा अनुसार बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। पर्व पर भोले को खुश करने के लिए बनाए जाने वाले  विभिन्न पारम्परिक व्यजनों की खुशबु से घाटी पूरी तरह महक उठेगी। इस मौके पर दिन में भक्त शिव देवालयों में जाकर वहां भगवान भोलेनाथ, माता पार्वति व गणेश की पूजा अर्चना करए शिवलिंग पर दूध दंहीं, व वेल पत्र चढ़ाऐंगें। पर्व के मौके पर आनी के शिव स्वरूप  अराध्य गढ़पति देवता शमशरी महादेव  तथा बैहनी महादेव मंदिर में गुरुवार व शुक्रवार  को भक्तगण  माथा टेक कर अपने परिवार के लिए सुख शांति व समृद्वि का आशिर्वाद लेंगे। मंदिरों में स्थानीय गांव के लोगों द्वारा शिव, पार्वति, भगवान राम सीता तथा ब्रम्हा व विष्णू तथा हनुमान को समर्पित लीलाओं पर आधारित प्राचीन गीत जती अथवा आंचली गाकर वातावरण को भक्तिमय बनाया जाएगा। इन भजनों पर कई भक्तरस में झूम उठेंगें। पर्व के दिन लोग घरों में पूजा मंडप को सुंदर ढंग से सजाऐंगे और भगवान भोले को प्रसन्न करने के लिए तेल में आटे से तरह तरह के पकवान, सनसे, बडे़, बाकरू तथा रोट भी सजाएंगें  और वहां नींबू प्रजाति के केमटू की लडी को जौ व पाजा की हरी पत्तियों से सजाए शिव पार्वति स्वरूप सैंई महादेव व गणपति तथा अपने ईष्ट देवता की परिवार सहित पूजा अर्चना कर भगवान से सुख समृद्वि का आशिर्वाद लेंगे। पर्व के  दिन तेल में बने पकवानों को अपने कुटुंब के लोगों तथा संबंधियों में बांटकर शिवरात्री पर्व की बधाई दी जाएगी। सांयकाल में घर घर जाकर ग्रामीण प्राचीन संस्कृति का निर्वहन करते हुए भगवान शिव, श्रीराम और भगवान कृष्ण तथा हनुमान की लीलाओं  को रातभर जती गीत के रूप में गाकर शिव, कृष्ण, राम व हनुमान भक्ति का खूब रस घोलेंगें। प्रातःकाल ब्रम्ह मुहर्त में सैई स्वरूप शिवजी को मंडप से बाहर विदा किया जाएगा। जिसे सैईं स्वाना कहते हैं।


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