सफेद हाथी बनी वाटर एटीएम

By: Feb 20th, 2020 12:22 am

कुल्लू शहर में उद्घाटन पट्टिका के इंतजार में जंग खा रही लाखों की अमृत योजना े

कुल्लू – सांसद के नाम की पट्टिका और नगर परिषद पार्षदों की नाम प्लेट और पट्टिका न लगने की वाट कुल्लू शहर में स्थापित किए गए वाटर एटीएम जोह रहे हैं। अमृत योजना के तहत स्थापित किए गए यह वाटर एटीएम खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी कहावत को उजागर कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने कुल्लू शहर में चकाचक करने के लिए अमृत योजना बनाई और इसके तहत करोड़ों की धनराशि दी, लेकिन यहां पर पहला कार्य शहर में आने वाले लोगों को ही नहीं, बल्कि नगर परिषद कुल्लू के 11 वार्डों में रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल वाटर एटीएम से मुहैया करवाया जाएगा, लेकिन शहर में वाटर एटीएम के ढांचे तो खड़े कर दिए हैं, लेकिन यह पिछले डेढ़ साल से शोपीस बने हुए हैं। 11 वार्डों में मात्र दो वाटर एटीएम ही चालू हैं, लेकिन अन्य स्थापित वाटर एटीएम धूल फांक रहे हैं। यही नहीं, कई वाटर एटीएम तो फंक्शन होने के बाद बंद हो गए हैं। अब यहां पर पहला कारण तो यह सामने आया है कि अमृत योजना के कार्य में सांसद के नाम पट्टिका लगनी थी, जो अभी तक नहीं लगाई गई है। यह भी बताया जा रहा है कि इसके बाद यह भी निर्णय लिया गया था कि पार्षदों की नेम प्लेट भी लगनी थी। ऐसे में यह देखा जा रहा है कि नेम प्लेट न लगने के कारण अमृत योजना का पहला काम ही डिले हो गया है। हालांकि वार्डों में अमृत योजना के तहत अन्य विकास के कार्य चले हैं। यहां सवाल यह उठता है कि अमृत योजना का पहला काम ही पूरा नहीं हो पाया है। क्योंकि इसमें इतनी लापरवाही बरती जा रही है। अमृत योजना के कार्य में कुल्लू शहर में आगे दौड़ पीछे चौड़ वाली स्थानीय कहावत को चरितार्थ कर रही है। नगर परिषद कुल्लू कहती है कि पट्टिका आईपीएच विभाग ने लगानी थी, जिस कारण यह कार्य डिले हो गया है। वहीं, आईपीएच विभाग कहता है कि विभाग का कार्य सिर्फ वाटर एटीएम को फंक्शन करना था और जिसे फंक्शन कर नगर परिषद को सौंपा गया है। अब यहां कौन सचा और कौन झूठा है। यह एक चिंता का विषय है। लिहाजा, यहां पर लाखों रुपए की बर्बादी सामने दिख रही है। सांसद रामस्वरूप शर्मा ने कुल्लू शहर में वाटर एटीएम का उद्घाटन कर शुरुआत की थी। इसके बाद मात्र दो वाटर एटीएम को छोड़ अन्य की कनेक्टिविटी नहीं हो पाई है। कहीं पर तो जंग लगना शुरू हो गया है।  जानकारी के अनुसार एक वाटर एटीएम पर चार-चार लाख अमृत योजना के तहत खर्च किए हैं, जिनका जनता को काई फायदा नहीं हुआ है, जो आज सफेद हाथी बनकर रह गए हैं। एक रुपए में एक लीटर और 15 रुपए में 20 लीटर पानी लोगों को दिया जाना था, लेकिन इनसे बूंद तक नहीं टपक रही है।

क्या कहते हैं आईपीएच अधिकारी

आईपीएच विभाग के एक्सईन अरुण शर्मा ने कहा कि विभाग ने फंक्शन कर वाटर एटीएम नगर परिषद को सौंपे हैं। अब नगर परिषद ही देखेगी। यदि निर्णय अनुसार कुछ और कार्य रहा होगा तो, उसे भी पूरा किया जाएगा।

क्या कहते हैं नगर परिषद उपाध्यक्ष

नगर परिषद के उपाध्यक्ष गोपालकृष्ण महंत का कहना है कि यह सही है कि यह दिक्कत है और काफी समय हो गया है। वाटर एटीएम का सांसद ने उद्घाटन किया और  उस समय चार-पांच शुरू हुए थे, लेकिन आईपीएच ने सांसद की नाम पट्टिका और उद्घाटन पट्टिका लगानी थी, जो अभी तक नहीं लगाई गई है। यह भी निर्णय लिया गया था कि पार्षद के नाम भी नेम प्लेट लगानी थी जो आज तक नहीं लग पाई है। शायद नगर परिषद की गलती भी रही होगी, इसके लिए माफी चाहते हैं। हाउस में यह पास हुआ है कि आईपीएच विभाग नगर परिषद के हैंडओवर कर लें। जल्द ही इन्हें सुचारू किया जाएगा।


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