सीवीसी की नियुक्ति पर हल्ला

By: Feb 20th, 2020 12:04 am

कांग्रेस ने चयन की प्रक्रिया को पूरी तरह गैरकानूनी दिया करार

नई दिल्लीकांग्रेस ने संजय कोठारी को मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया को पूरी तरह गैरकानूनी करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस नियुक्ति को रद्द किया जाए और सीवीसी के चयन का काम नए सिरे से शुरू होना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार सीवीसी के पद पर अपना ‘रबर स्टैम्प’ चाहती है। मनीष तिवारी ने कहा कि देश में सीवीसी एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण संस्थान है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रमुख निगेहबान है। इसलिए यह जरूरी है कि इस महत्त्वपूर्ण पद पर नियुक्ति ऐसे व्यक्ति की हो जिसकी ईमानदारी सवालों से परे हो। नियुक्ति की प्रकिया भी पारदर्शी होनी चाहिए। श्री तिवारी ने दावा किया कि सर्च कमेटी में सरकार के एक प्रमुख अधिकारी सदस्य थे और वह सीवीसी पद के लिए आवेदक भी थे। बाद में उन्होंने खुद को इस समिति से अलग किया। कोई आवेदक ही कैसे सर्च कमिटी में हो सकता है? श्री तिवारी ने यह दावा भी किया कि संजय कोठारी आवेदक नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने तुगलकी फरमान जारी किया और सीवीसी के तौर पर उनकी नियुक्ति कर दी गई। दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है। श्री तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी जिसको दी गई है, उसकी नियुक्ति की प्रक्रिया ही पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस तरह से तो चपरासी की नियुक्ति भी नहीं हो सकती। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम बनाना रिपब्लिक में रह रहे हैं? सरकार ऐसा क्या छिपाना चाहती है कि सीवीसी उनका आदमी होना चाहिए? कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सीवीसी और सतर्कता आयुक्त को नियुक्त करने की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर नए सिरे से प्रक्रिया शुरू होनी चहिए। उन्होंने दावा किया कि सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है इसलिए वे चाहते हैं कि सीवीसी के पद पर उनका रबर स्टैम्प होना चहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस नियुक्ति को अदालत में चुनौती देगी तो तिवारी ने कहा कि मामला इतना संगीन है कि इस पर चुनौती बनती है और सारे विकल्प खुले हुए हैं। मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि विशेषाधिकार समिति की बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने नियुक्ति की प्रक्रिया के सवालों को बहुत बुलंद तरीके से उठाया था। बता दें कि राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी अगले मुख्य सतर्कता आयुक्त होंगे। उनका चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने किया है। इसके साथ ही समिति ने बहुमत के फैसले से सूचना आयुक्त बिमल जुल्का को नया मुख्य सूचना आयुक्त चुना है। वह पहले सूचना एवं प्रसारण सचिव भी रह चुके हैं।

खुल जा सिम सिम की तर्ज पर हुई ज्वॉनिंग

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि सीवीसी और सीआईसी की नियुक्ति खुल जा सिम सिम की तर्ज पर हुई। जेब से नाम निकालो, नियुक्ति कर दो। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी के नए इंडिया में पारदर्शिता, जवाबदेही, संवैधानिक प्रक्रिया और कानून की अनुपालना की कोई जगह नहीं बची है। शीर्ष न्यायिक संस्थाओं में मनमानी लोकतंत्र के लिए घातक है।


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