हर नेता चाहता है कोई अपना बने जिलाध्यक्ष

By: Feb 17th, 2020 12:22 am

शिमला-कांग्रेस पार्टी के हर जिला के कद्दावर नेता को अपना जिलाध्यक्ष चाहिए, इसे लेकर दबाव की राजनीति चल रही है। काफी समय से इस मुद्दे को लेकर दबाव बनाया जा रहा है और टकराव की जड़ भी यही है, क्योंकि जिला में जिलाध्यक्ष का ओहदा संगठन में बड़ा है और जिलाध्यक्ष ही आगे कार्यकारिणी बनाकर नेताओं के लोगों को एडजस्ट करते हैं। यदि पसंद का जिलाध्यक्ष नहीं बना, तो बड़े नेता के लोग भी संगठन में नहीं आ सकेंगे, जिससे उनके लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।  जो सूची कांग्रेस के अध्यक्ष ने रजनी पाटिल को सौंप रखी है, उसमें दर्ज नामों को लेकर नेताओं में विवाद है। सामंजस्य बिठाने में दिक्कत यह हो रही है कि एक जिला में कांग्रेस का एक कद्दावर नेता नहीं है, बल्कि यहां दो से तीन नेता बड़े कद वाले हैं और उन नेताओं में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर अब आपसी टकराव पैदा हो चुका है। सूत्र बताते हैं कि अपने प्रवास पर शिमला आई रजनी पाटिल से वापसी पर सोलन में कुछ नेता मिले हैं, वहीं कई नेताओं ने उनसे दूरभाष पर भी संपर्क साधा है। अब ये नेता फिर दिल्ली की ओर रवाना हो रहे हैं, क्योंकि जल्दी ही कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार जिलों के बड़े नेताओं ने अपनी पसंद के जिलाध्यक्ष का नाम भी रजनी पाटिल को सौंपा हुआ है, जो चाहते हैं कि उसे ही जिलाध्यक्ष बनाया जाए। टकराव ज्यादा न बढ़े, इसे लेकर रजनी पाटिल नेताओं से बातचीत कर रही हैं और आपसी सहमति बनाने की कोशिश कर रही हैं। बताया जाता है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के वेणूगोपाल से कुछ नेताओं ने मुलाकात कर साफ कर दिया है कि जिलाध्यक्ष उनकी पसंद का होना चाहिए और ऐसा नहीं होता है, तो प्रदेश कार्यकारिणी में उनका स्थान बेहतर हो। सूत्रों के अनुसार अब कुछ दिन में ही कार्यकारिणी की सूची जारी हो जाएगी। वीरभद्रसे रजनी पाटिल की बातचीत हो चुकी है, जिनकी ओर से भी कुछ डायरेक्शन हुई है। रजनी पाटिल हाइकमान को वीरभद्र सिंह की राय से भी अवगत करवाएगा। वीरभद्र, कुलदीप सिंह राठौर के साथ हैं और पहले भी उनकी सहमति से ही सूची बनाई गई है।

कहीं सुक्खू, कहीं कौल सिंह हावी

मंडी में कौल सिंह अपनी पसंद का जिलाध्यक्ष चाहते हैं, तो हमीरपुर जिला में सुक्खू की पसंद हावी है। वहीं, कांगड़ा जिला में जीएस बाली इसे लेकर दबाव बना रहे हैं, तो बिलासपुर में रामलाल ठाकुर का दबाव है। इसी तरह ऊना में मुकेश अग्निहोत्री की पसंद को भी तवज्जो दी जानी है। ऐसे ही चंबा में आशा कुमारी भी सामने हैं। दूसरे जिलों में भी बड़े नेता अपनी पसंद के जिलाध्यक्ष के लिए गोटियां भिड़ा रहे हैं। इस दबाव में रजनी पाटिल संगठन को कितनी मजबूती दे पाएंगी, यह देखना होगा।


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