बिजनेस स्कूलों के कैंपस में सुस्ती नहीं

By: Feb 22nd, 2020 12:06 am

नई दिल्ली – जॉब मार्केट की सुस्ती के बीच एमबीए की डिग्री नौकरी के रास्ते खोल सकती है। इसके लिए यह जरूरी नहीं कि देश के छह बड़े आईआईएम से ही पढ़ाई की गई हो। टॉप छह आईआईएम (अहमदाबाद, बंगलूर, कोलकाता, कोझिकोड, लखनऊ और इंदौर) के अलावा अन्य बिजनेस स्कूल्स के 2020 बैच के लिए ऐवरेज सैलरी और रिक्रूटर्स की संख्या में इजाफा हुआ है। टॉप छह संस्थानों का लगभग हर साल अच्छा प्रदर्शन रहता है, लेकिन उनसे नीचे के इंस्टिट्यूट्स इस बार उम्मीद से बेहतर रहे। फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एफएमएस), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी), गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (जीआईएम), आईएमआई दिल्ली और कुछ नए आईआईएम (काशीपुर और रायपुर) के प्लेसमेंट डेटा से संकेत मिलता है कि मुश्किल कारोबारी हालात के बीच एमबीआई टैलेंट की मांग बढ़ी है। प्लेसमेंट हेड्स, रिक्रूटर्स और एचआर एक्सपर्ट्स का कहना है कि खराब साल के बावजूद अच्छे प्लेसमेंट होने से कंपनियों के लॉन्ग-टर्म रणनीति के तहत टैलेंट में निवेश पर जोर का पता चल रहा है। सुस्ती को ध्यान में रखते हुए बिजनेस स्कूलों ने इस साल ज्यादा कंपनियों से संपर्क किया था। इसके अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं।


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