मिड-डे मील में भेदभाव किया, तो जाएगी नौकरी
शिमला – सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील पर छात्रों के साथ भेदभाव करना अब भारी पड़ेगा। दोपहर के खाने में छात्रों को धर्म के नाम पर अलग-अलग बैठाने पर स्कूल प्रधानाचार्य सहित अन्य संलिप्त कर्मचारियों को नौकरी से भी हाथ धोने पड़ सकते हैं। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि स्कूलों में धर्म-जात के आधार पर छात्रों को भोजन परोसने वालों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विभाग ने इस संबंध में सभी स्कूल मुखिया को निर्देश जारी कर दिए हैं। जारी आदेशों में विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि इसके बाद भी स्कूलों में ऐसे मामले सामने आए तो इनमें संलिप्त शिक्षकों व मिड-डे मील कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान स्कूलों को छात्रों को रोल नंबर वाइज मिड-डे मिल देने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि मंडी जिला के एक स्कूल में सामने आए ऐसे मामले पर विभाग ने यह सख्ती दिखाई है। विभागीय जानकारी के अनुसार अब सरकारी स्कूलों में समय-समय पर टीमें भी निरीक्षण करेंगी। विभाग की टीमें स्कूलों में औचक निरीक्षण करने के दौरान एसएमसी के सदस्यों व ग्रामीणों के साथ छात्रों से भी सवाल-जवाब किए जाएंगे कि क्या दोपहर के खाने में उनके साथ धर्म व जाति के नाम पर भेदभाव किया जाता है या नहीं। अब मिड-डे मील पर विभाग की टीमें विशेष नजर रखेंगी। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने जिलों के इंसपेक्शन सैल को भी इस बाबत आदेश जारी कर कहा है कि वह स्कूलों में जाकर निरीक्षण करें, व समय-समय पर रिपोर्ट सौंपे।
कई बार पहले जारी किए गए हैं निर्देश
शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि स्कूलों को इस संबंध में विशेष निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी स्कूलों में धर्म, जात के आधार पर छात्रों को दोपहर का भोजन परोसा जा रहा है। यदि भविष्य में ऐसा मामला सामने आया तो संबंधित शिक्षकों व कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हेल्पलाइन नंबर-1098 भी डिस्प्ले करना होगा
शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी व गैर-सरकारी स्कूलों में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 डिस्प्ले करने के निर्देश दिए हैं। स्कू ल प्रशासन को नोटिस बोर्ड, स्कूल परिसर में मुख्य स्थानों पर यह नंबर लगाने होंगे। इसके साथ ही स्कूल प्रशासन को इस नंबर के बारे में भी छात्रों क ो जानकारी देनी होगी।
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