आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने बनाया एल्गोरिदम

By: Mar 17th, 2020 12:01 am

भवनों के एचवीएसी सिस्टम की खराबी का पता लगाना हुआ आसान

मंडी – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के मॉडलिंग और इंटेलिजेंट कंट्रोल ग्रुप के शोधकर्ताओं ने नया एल्गोरिदम विकास कर भवनों के हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम के कंपोनेट की खराबी का पता लगाना और निदान करना अब और आसान बनाया है। इसके परिणामस्वरूप ये सिस्टम अधिक ऊर्जा-सक्षमता से कार्य करेंगे। जर्नल ऑफ बिल्डिंग इंजीनियरिंग, एल्सेवियर ने टीम के हाल के कार्य के परिणाम प्रकाशित किए हैं। डा. तुषार जैन, सहायक प्रोफेसर, कम्प्यूटिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी मंडी के निर्देशन में शोध पत्र तैयार किया गया है। उनके रिसर्च स्कॉलर मोना सुब्रमण्यम और फ्रांस की यूनिवर्सिटी डी लोरेन के डा. जोसेफ यामे इसके सह रचियता हैं। भवनों के सेंट्रलाइज्ड एचवीएसी सिस्टम में जलवायु नियंत्रण एवं वेंटिलेशन का कार्य बिल्डिंग के बाहर एयर हैंडलिंग यूनिट (एएचयू) में होता है। हवा प्रोसेस कर कंट्रोल्ड डक्ट से हर कमरे में पहुंचाई जाती है और कमरे की अतिरिक्त हवा यूनिट के माध्यम से रीसर्कुलेट की जाती है। भवनों के ऊर्जा प्रबंधन सिस्टम जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हैं, एचवीएसी में कहां और कितनी खराबी है, इसकी सटीक जानकारी नहीं देते हैं। हालांकि अपने आप खराबी का पता चल जाए तो समस्या का पूर्वानुमान हो जाएगा और आगे बढ़ सिस्टम की मरम्मत कर ली जाएगी। इस तरह एचएवीसी की मरम्मत में लगने वाला समय और इसका खर्च दोनों कम होंगे। शोधकर्ता डा. जैन ने बताया कि वीएवी डैपंर्स किस सीमा तक खराब है, इसका पता और अनुमान लगाने के लिए विकसित एल्गोरिदम विश्लेषण के उन मॉडलों का उपयोग करता है, जो परिचालन की अनजान स्थितियों की बड़ी रेंज पर कामयाब हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विश्वेश्वरैया पीएचडी स्कीम के तहत और भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड ने इस शोध के लिए आर्थिक सहयोग दिया है। 


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