इतना भी न गिराएं शिक्षकों का मान-सम्मान

By: Mar 6th, 2020 12:01 am

उड़दस्ते में राजस्व विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी से अध्यापक संघ खफा

शिमला – हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने राज्य में बच्चों की आठवीं, दसवीं ओर बारहवीं की परीक्षाओं में शिक्षा जगत से हट कर फ्लाइंग स्क्वायड में राजस्व विभाग से लगाए गए पटवारी और कानूनगो की तैनाती पर सरकार व विभाग से कड़ी नाराजगी जाहिर की है। राज्य अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान न कहा है कि विभाग शिक्षकों के मान-सम्मान को इतना भी न गिराए कि उन्हें आंदोलन करने को मजबूर होना पड़े। एचजीटीयू का आरोप है कि विभाग ने इन परीक्षाओं के शिक्षा विभाग के कर्मचारियों, शिक्षकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों के अनुभव को दरकिनार करते हुए स्कूलों के उड़नदस्तों में हलके के पटवारियों की ड्यूटी लगवाई है, जो कि असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि चंबा उपमंडलाधिकारी सलूणी के कार्यालय से जारी उड़नदस्तों की लिस्ट में कानूनगो ओर पटवारी को इस ड्यूटी के लिए भेजा गया है, जो कि शिक्षकों के कर्त्तव्यनिष्ठा और मान-सम्मान पर चोट है। वीरेंद्र चौहान ने पूछा है कि जब सभी विभागों के काम अध्यापक करके देते हैं, फिर भी यदि विभाग को राजस्व विभाग के कर्मचारी इतने ही योग्य लगते हैं कि परीक्षाओं का निरीक्षण कर सकें, तो आगामी सभी प्रकार की चुनाव, जनगणना, वोटर लिस्ट, पर्यवेक्षक जैसी ड्यूटियां भी उन्हीं से ही करवा लेनी चाहिएं। शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के लिए इन आदेशों को राजकीय अध्यापक संघ ने तुरंत निरस्त करने की मांग की है। शिक्षकों ने एकमत से इन आदेशों को रद्द करने की मांग करते हुए कहा है कि निरीक्षण कार्य मे सेवारत अध्यापकों या सेवानिवृत्त अध्यापकों की सेवाएं ली जाएं।

शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल

वीरेंद्र चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री, शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक से ऐसे आदेशों को वापस करने की मांग करते हुए कहा है कि इस बार शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। बोर्ड में इस तरह से मनमानी और लोकतंत्र का हनन हो रहा है, अध्यापक संघों से कोई बात नहीं की जा रही है। जिन शिक्षकों ने बोर्ड ड्यूटियां लगवाने के लिए अनुरोध किया था, उनकी ड्यूटियां जानबूझ कर नही लगाई गईं।

 


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