कर्फ्यू में अब रोजाना तीन घंटे ही ढील

By: Mar 28th, 2020 12:22 am

 छह घंटों की अवधि का दुरुपयोग होता देख जयराम सरकार ने एक ही दिन में बदला फैसला

 होम डिलिवरी की व्यवस्था बनाने पर भी चर्चा, जल्द मिलेगी सुविधा

शिमला-मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में कर्फ्यू के दौरान अब तीन घंटे की ही छूट रहेगी। सभी जिला में यह तीन घंटे का समय अलग-अलग रहेगा। राज्य सरकार ने बीते दिन कर्फ्यू में छह घंटे की ढील देने का फैसला किया था, लेकिन महसूस किया गया कि लोगों इस ढील का दुरुपयोग किया है। अनावश्यक रूप से लोग बाहर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया था, ताकि लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी उचित सामाजिक दूरी बनाकर कर सकें। इसके कारण कर्फ्यू का उद्देश्य सफल नहीं हुआ है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने अब कर्फ्यू में रोजाना तीन घंटे तक ढील देने का फैसला लिया है, ताकि लोग अपने घरों के पास आवश्यक वस्तुओं की खरीद कर सकें। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को राज्य के सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान यह आदेश जारी किए हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि उपायुक्तों को अपने जिला की उपयुक्तता और आवश्यकताओं के अनुसार ढील समय  तय करने के लिए अधिकृत है। उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि आवश्यक वस्तुओं की होम डिलिवरी पर प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि लोग अपने घर से दैनिक जरूरतों की वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए बाहर न निकलें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति से व्यक्ति के बीच उचित दूरी सुनिश्चित की जाए। उपायुक्तों को विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में मेगा मार्ट, बिग बाजार और अन्य विक्रेताओं की बड़ी चेन के माध्यम से होम डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए तंत्र विकसित करना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थान अपने इलाकों के पास के लोगों को आवश्यक वस्तुओं की डिलिवरी प्रदान करने में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से लोगों को आवश्यक वस्तुओं की होम डिलिवरी प्रदान करने के लिए आगे आने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति बिना भोजन के न रहे और शहरी क्षेत्रों में मजदूरों को आश्रय प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में फंसे औद्योगिक श्रमिकों और विभिन्न परियोजना स्थलों में निर्माण श्रमिकों को हरसंभव सहायता प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उसेब और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की सूची तैयार की जानी चाहिए, ताकि उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान किया जा सके। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दवा की दुकानें खुली रहें और दूध और सब्जियों की आपूर्ति पर्याप्त हो, ताकि लोगों को कर्फ्यू में ढील की अवधि के दौरान इन वस्तुओं को प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने दुग्ध संघ और कामधेनु को शहरी क्षेत्रों में लोगों की सुविधा के लिए दूध और इसकी वस्तुओं की उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने उपायुक्तों को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दिया, जहां लोगों को बिना किसी असुविधा के सब्जियां और दूध उपलब्ध कराया जा सके और उचित सामाजिक दूरी भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भी स्थानों की पहचान की जानी चाहिए। उन्होंने लोगों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वे अपने इलाके से कर्फ्यू में ढील के दौरान आवश्यक वस्तुओं की खरीद करें और वाहन का उपयोग न करें। जयराम ठाकुर ने उपायुक्तों से कहा कि वे ऐसी व्यवस्था करें कि कर्फ्यू में ढील के दौरान किसानों और बागबानों को अपनी फसलों के लिए उर्वरक, कीटनाशक, कीटनाशक और स्प्रे ऑयल मिलने में कोई परेशानी न हो। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने राज्य में कर्फ्यू के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री को यह भी आश्वासन दिया कि लोगों को उनके घरों पर आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि सैनिटाइजर और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण किट की पर्याप्त उपलब्ध हैं और स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को रोका नहीं किया जाएगा, ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित न हो। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव रजनीश, देवेश कुमार और अमिताभ अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रमुख निजी सचिव विनय सिंह और निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन भी बैठक में शामिल थे।


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