कोरोना के खिलाफ मोदी सरकार का बड़ा मिशन, ऐसे रणनीति बनाकर हो रहा काम

By: Mar 28th, 2020 11:21 am

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए पूरा हिंदुस्तान घरों में कैद हो गया है, तो दूसरी ओर मोदी सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में लगी हुई है. पीएम मोदी पिछले एक महीने से कोरोना को लेकर सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के मंत्रियों और सचिवों के साथ ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर रणनीति बना रहे हैं और कोरोना के संक्रमण के कारण होने वाले नुकसान रोकने की कोशिश कर रहे हैं.

पीएम मोदी कोरोना वायरस से जुड़ी हर रिपोर्ट का अपडेट खुद ले रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन और आईसीएमआर के डी. जी. बलराम भार्गव के साथ मिलकर आदेश जारी कर रहे हैं.

इसके साथ ही राज्य सरकारों की मांग पर टेस्ट किट से लेकर आइसोलेशन रूम बनाने तक के लिए जरूरी चीजें और मेडिकल उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं. कोरोना को लेकर राज्यों से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर आदेश जारी किए जा रहे हैं.

रोज हो रही मोदी सरकार के मंत्रियों और सचिवों की बैठक

हर रोज ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक होती है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी चौबे, रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडविया, सीडीएस बिपिन रावत और सभी संबंधित मंत्रालयों के सचिव और आईएमसीआर के डी. जी. बलराम भार्गव शामिल होते हैं.

ये सभी लोग देशभर से कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर आने वाली रिपोर्ट को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मेडिकल एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा करते हैं. साथ ही आगे क्या-क्या कदम उठाने हैं, इसको लेकर रणनीति तैयार करते हैं. इसके बाद एक्शन प्लान पीएमओ को ब्रीफ किया जाता है.

डीएम और एसएसपी से रोज बात करते हैं मोदी के मंत्री

देश में जरूरी चीजों की सप्लाई में कोई कमी न आए और ब्लैक मार्केटिंग न हो, इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है. इसकी मॉनिटरिंग उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री रामविलास पासवान और सचिव कर रहे हैं. हर दिन इसकी रिपोर्ट मंत्रालय द्वारा पीएमओ को भेजी जाती है.

पीएम मोदी ने अपने सभी मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों में डिस्ट्रिक्ट की जिम्मेदारी दी है कि वो हर दिन सीधा डीएम और एसएसपी से बात करें और अपडेट लें. इनको कहा गया कि वो यह भी अपडेट लें कि आखिर उनके जिले में कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन को लागू करने में क्या-क्या दिक्कतें आ रही हैं. इन सभी मंत्रियों को हर रोज शाम को पीएमओ में रिपोर्ट भेजनी पड़ती है.

सोशल मीडिया पर अफवाहें रोकने की निगरानी

सूचना और प्रसारण मंत्रालय टीवी, अखबारों, रेडियो, एफएम और सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही हर शाम मीडिया के फीडबैक के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके पीएमओ को भेजता है.

आईटी मंत्रालय सोशल मीडिया पर मॉनिटर करता है. साथ ही फेक न्यूज और अफवाहों को फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करता है. लॉकडाउन में लोग घरों में हैं, ऐसे में लोग मनोरजन के लिए इंटरनेट का यूज आम दिनों से ज्यादा कर रहे हैं. ऐसे में इंटरनेट की स्पीड कम न हो, इसके लिए भी काम किया जाता है. इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों से संपर्क रखा जाता है.

आर्थिक पैकेज और लोगों को राहत पहुंचाने का काम

सभी मंत्रालयों के रिपोर्ट के आधार पर वित्त मंत्रालय आम जनता से जुड़े हुए वित्तीय मामलों का समाधान करने के लिए रणनीति तैयार करता है और पीएमओ के ग्रीन सिग्नल के बाद आर्थिक पैकेज देता है. सभी मंत्रालय अपने-अपने विभाग से संबंधित आर्थिक पैकेज का आम जनता को जल्द से जल्द फायदा पहुंचा रहे हैं. इसकी भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

मुस्लिम धर्मगुरुओं की नमाज को लेकर अपील

सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटेरी के साथ कोऑर्डिनेशन का काम कैबिनेट सेक्रेटेरी करते हैं. कोरोना का संक्रमण न फैले, इसके लिए पीएम मोदी समय-समय पर अपने मंत्रालयों के विभागों की जिम्मेदारी मंत्रियों को दे रहे हैं. जैसे शुक्रवार को पीएम मोदी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को जिम्मेदारी दी थी कि वो सभी मुस्लिम धर्मगुरुओं से बात करें, ताकि वो अपनी तरफ से लोगों से अपील करें कि जुमे की नमाज मस्जिदों और नमाज घरों में एक साथ न अता करें. इसका असर भी देखने को मिला था.

विदेश में फंसे भारतीयों को वापस स्वदेश लाने का काम

 

इसी तरह से पीएमओ की देख-रेख में पिछले एक महीने से विश्वभर में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय कर रहा था. पीएम मोदी दिन में दो बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन से संबंधित सभी मंत्रालयों की रिपोर्ट, GMO की फीडबैक रिपोर्ट और कैबिनेट सेक्रेटेरी के सभी राज्यों की फीडबैक रिपोर्ट को लेकर पी. के. मिश्रा और पीएमओ के अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा करते हैं. इसके बाद रणनीति के साथ आगे कदम बढ़ाया जाता है.


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