कोरोना ने बिगाड़ी बाजार की चाल

By: Mar 25th, 2020 12:06 am

अनुज कुमार आचार्य

लेखक, बैजनाथ से हैं

कोरोना से भारत सहित विश्व के अनेक देशों की बाजार आधारित अर्थव्यवस्था की हालत पतली हो रखी है और अब तक भारतीय शेयरधारकों के लाखों करोड़ों रुपए स्वाहा हो चुके हैं। कोरोना के कहर से इस समय दुनिया भर के बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। अमरीका का डाऊ जोंस 28 फीसदी तो ब्रिटेन का एफटीएसआई 30 प्रतिशत, जर्मनी का डीएएक्स 34 फीसदी,  फ्रांस का सीएसी 34 और भारत का मुंबई स्टॉक एक्सचेंज 25 फीसदी से अधिक लुढ़क चुका है…

कोरोना वायरस के प्रकोप के शुरुआती दौर से अगले 2 महीनों तक लगभग सभी यह मानकर चल रहे थे कि यह बीमारी चीन की समस्या है और इससे हमारा अहित होने से रहा, लेकिन जब तक चीन सरकार और वहां का स्वास्थ्य विभाग इस वायरस की भयावहता को समझता और नियंत्रण संबंधी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करता तब तक अनेकों देशी-विदेशी लोग अनजाने में इस वायरस को अपने-अपने साथ लेकर विश्व के हर कोने में पहुंचने शुरू हो चुके थे। हालांकि इस बीमारी की सर्वाधिक मार चीन के वुहान शहर और आसपास के इलाकों के चीनी नागरिकों को झेलनी पड़ी है, लेकिन बाद में यूरोप, ईरान और अमरीका सहित विश्व के अनेकों देश इस खतरे की चपेट में आ चुके हैं। इटली के हालात तो इतने भयावह स्थिति तक पहुंच चुके हैं कि वहां के प्रधानमंत्री जिसेपे कॉन्टे ने राष्ट्र के नाम संबोधन में रोते-रोते इस बात को स्वीकार कर लिया कि उनके हाथ खड़े हो गए हैं। हालांकि तथ्य यह भी है कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में इटली की वैश्विक रैंकिंग दूसरे स्थान पर है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में जब यह वायरस चौथी और पांचवीं स्टेज पर पहुंचेगा तो यह बीमारी हमारे यहां कितना कहर बरपाएगी? यह सही है कि खतरे की विकरालता को भांपते हुए भारत सरकार ने स्थिति को शुरुआती दौर में ही संभालने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। जिसमें 22 मार्च को प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू को मिली व्यापक सफलता भी अहम है तो वहीं भारत के अनेकों राज्यों के 145 जिलों में लॉकडाउन तथा पंजाब में कर्फ्यू लगाया जाना मुख्य है। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में लॉक डाउन की घोषणा के बाद 23 मार्च से प्रदेश सरकार ने सारे राज्य में लॉकडाउन करने की घोषणा की है। पुलिस और प्रशासन सक्रियता से लॉक डाउन के आदेशों को प्रभावी तरीके से लागू करवाने में जुटा है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर एवं कर्मचारियों ने किसी भी विकट स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है।

कोरोना के वैश्विक दुष्प्रभावों से भले ही कच्चे तेल के दामों में अकल्पनीय कमी आई है, लेकिन भारत सहित विश्व के अनेक देशों की बाजार आधारित अर्थव्यवस्था की हालत पतली हो रखी है और अब तक भारतीय शेयरधारकों के लाखों करोड़ों रुपए स्वाहा हो चुके हैं। कोरोना के कहर से इस समय दुनिया भर के बाजारों में हाहाकार मचा हुआ है। अमरीका का डाऊ जोंस 28 फीसदी तो ब्रिटेन का एफटीएसआई 30 प्रतिशत, जर्मनी का डीएएक्स 34 फीसदी,  फ्रांस का सीएसी 34 और भारत का मुंबई स्टॉक एक्सचेंज 25 फीसदी से अधिक लुढ़क चुका है। भारत में केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया शेयर बाजार में चल रही उठापटक की स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए आश्वासन वाले बयान तो दे रहे हैं, लेकिन भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है। 23 मार्च को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज खुलने के मात्र एक घंटे के भीतर ही निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपए डूब गए। सोना-चांदी के दामों में भी उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। कोरोना बीमारी के बढ़ते वैश्विक दुष्प्रभावों एवं भारत में धीरे-धीरे पैर पसार रही इस आफत से निःसंदेह शेयर मार्केट पर ही बड़ा खतरा नहीं मंडरा रहा है अपितु आने वाले दिनों में अपने नागरिकों के दीर्घायु जीवन तथा उत्तम स्वास्थ्य के मद्देनजर केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा कड़े उपायों को लागू किया जाना बेहद लाजिमी हो गया है। अभी भी सोशल मीडिया एवं न्यूज चैनलों में व्यापक प्रचार-प्रसार के बावजूद कई आम भारतीय नागरिक इस खतरनाक बीमारी की गंभीरता को समझ नहीं पा रहे हैं। युवाओं को समूहों में क्रिकेट खेलते, लोगों का समूहों में इकट्ठे होना और बेवजह बाजारों में आवाजाही करते देखा जा सकता है। लोग मस्ती करने से बाज नहीं आ रहे हैं। केंद्र सरकार को चाहिए कि इससे पहले कि निवेशकों का बचा खुचा रुपया भी डूब जाए शेयर मार्केट के कारोबार को कुछ दिनों के लिए स्थगित करवा दिया जाए तो कोरोना वायरस की प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए लोगों को अकेले रहने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रावधानों, उपायों और कानूनों को सख्ती से लागू करवाया जाए। आम भारतीय नागरिकों को भी वक्त की नजाकत को भांपते हुए अपने आप को घरों में बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता है।

हिमाचली लेखकों के लिए

लेखकों से आग्रह है कि इस स्तंभ के लिए सीमित आकार के लेख अपने परिचय तथा चित्र सहित भेजें। हिमाचल से संबंधित उन्हीं विषयों पर गौर होगा, जो तथ्यपुष्ट, अनुसंधान व अनुभव के आधार पर लिखे गए होंगे। 

-संपादक


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App