जोगिंद्रनगर में बना इन्क्यूबेशन सेंटर

By: Mar 18th, 2020 12:01 am

जोगिंद्रनगर – मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश आयुर्वेद विभाग के जोगिंद्रनगर स्थित आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान ने भी जड़ी-बूटियों व आयुर्वेद क्षेत्र में बतौर इंक्यूबेशन सेंटर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। आयुर्वेद एवं जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में स्टार्टअप को मदद करने की दिशा में यह संस्थान देश का पहला इंक्यूबेशन केंद्र बन गया है। वर्तमान में सीएम स्टार्टअप योजना के तहत नवोन्मेशी विचार को बतौर उद्यम विकसित करने की दिशा में प्रदेश भर के पांच युवा कार्य कर रहे हैं। इस शोध केंद्र के सहयोग से प्रदेश में आयुर्वेद क्षेत्र में स्टार्टअप के माध्यम से उद्यम स्थापना को लेकर जल्द ही बेहतर परिणाम सामने आने वाले हैं। मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत इस संस्थान में सोलन के कमलेश अर्श रोग पर अपने खानदानी ईलाज से उत्पाद बनाने, हमीरपुर के राजेश हर्बल वाशिंग पाउडर बनाने, अमित जड़ी-बूटियों से पोषक पदार्थ बनाने, चंबा के रियाज हर्बल वाइन तथा ताबो गोंपा से सोवा रिग्पा हर्बल आहार बनाने संबंधी अपने नवीन विचारों पर शोध कार्य कर रहे हैं। आयुर्वेद व जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में नवीन विचार के साथ कार्यरत इन पांचों युवाओं द्वारा तैयार उत्पाद जल्द ही उद्यम के तौर पर स्थापित होंगे। इससे न केवल प्रदेश व देश के लोगों को आयुर्वेद व जड़ी-बूटियों से तैयार प्राकृतिक व स्वास्थ्यवर्द्धक उत्पाद उपलब्ध होंगे, बल्कि इस क्षेत्र में प्रयासरत इन युवाओं को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनने के साथ बतौर उद्यमी स्थापित होने का भी अवसर मिलेगा। संस्थान ने 2500 वर्ग फीट का क्षेत्र नवोन्मेषी विचार को लेकर शोध कार्य करने व बैठने के लिए उपलब्ध करवाया है। इसके अलावा संस्थान शोध को लेकर प्रयोगशाला, संकाय इत्यादि के तौर पर भी मदद कर रहा है। इस संबंध में क्षेत्रीय निदेशक क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत स्थित जोगिंद्रनगर डा. अरुण चंदन का कहना है कि आयुर्वेद क्षेत्र में स्टार्टअप को मदद करने की दिशा में आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान जोगिंद्रनगर देश का पहला इन्क्यूबेशन केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के माध्यम से यहां पर पांच युवा अपने नवोन्मेषी विचार को लेकर शोध कार्य कर रहे हैं, जिन्हें संस्थान हर संभव मदद प्रदान कर रहा है।

हर महीने 25 हजार छात्रवृत्ति

मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के अंतर्गत चयनित युवा व किसान के नमोन्वेषी विचार को बतौर उद्यम विकसित करने तथा शोध कार्य के लिए सरकार प्रतिमाह 25 हजार रुपए की एक साल तक छात्रवृत्ति प्रदान करती है। साथ ही नवीन विचार को लेकर इन्क्यूबेशन सेंटर में उपलब्ध आधारभूत ढांचे की सुविधा को भी निशुल्क मुहैया करवाया जाता है। इसके अलावा तैयार उत्पाद के पंजीकरण से लेकर पेटेंट करवाने तक की भी मदद की जाती है।


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