दो साल में हिमाचल में 45 उद्योग बंद

By: Mar 14th, 2020 12:03 am

सरकार ने सदन में रखी लिखित सूचना इंडस्ट्री बंद होने से गया रोजगार

शिमला – एक तरफ सरकार प्रदेश में इन्वेस्टर्स मीट जैसा बड़ा आयोजन कर यहां पर करोड़ों रुपए का निवेश लाने के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर यहां पर दो साल में 45 उद्योग बंद हो गए हैं। कई उद्योग पलायन भी कर चुके हैं, मगर सरकार ने इससे इनकार किया है। दावों के बावजूद सरकार ने खुद सदन में यह सूचना रखी है कि 45 उद्योग यहां बंद हो चुके  हैं। सदन में रखी एक लिखित जानकारी में बताया गया है कि बंद हुए उद्योगों में नालागढ़ के दो उद्योग हैं, वहीं काला अंब के भी दो यूनिट ऐसे हैं, जिन्होंने सरकारी सबसिडी हासिल की थी। बावजूद इसके ये उद्योग बंद हो चुके हैं, जिससे यहां पर रोजगार लेने वाले लोगों का रोजगार छिन गया है। सरकार ने कहा है कि अपने इन्सेंटिव पीरियड में इसमें कोई उद्योग पलायन करके नहीं गया है। सोलन के बद्दी से वीएमजी अप्लायंस, कलाप्तारू इलेक्ट्रॉनिक्स, नालागढ़ से जैन टेक्नोलॉजी, ओंकार इंजीनियर्ज नामक उद्योग बंद हुए। बंद हुए उद्योगों की संख्या परवाणू में काफी ज्यादा है। यहां पर मॉडर्न इंडस्ट्रीज, रैकिट बैनकिसर के दो यूनिट, ऑर्गेनोचैम प्रोडक्ट्स, रोशन लाल रवि डेकोरेटर, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, सिंहाल उद्योग, गायत्री बायो ऑर्गेनिक, बजाज कारपोरेशन लिमिटेड, टाइमलिंक परवाणू, इंडस इंडस्ट्रीज, अहूजा ट्रेडिंग, ओम ऑयल फ्लोर मिल, विनायक इंडस्ट्रीज, गीत इंडस्ट्रीज, यूके इंटरप्राइजेज, अदित इन्फ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड, शिवा इंटरप्राइजेज के नाम शामिल हैं। इनके अलावा बिलासपुर के गवालथाई से हिम स्टील, चुरची गियर इंडस्ट्रीज, इंटरनेशनल मेटल इंडस्ट्रीज, सिरमौर जिला में भी काफी संख्या में उद्योग बंद हो चुके हैं। इसमें एशियन रोलर बीयरिंग, बिमल इंडस्ट्रीज, कैप्टन गियर एंड फैन, सूरज इंडस्ट्रीज, एमके रिजाइन एंड कैमिकल, सुपीरियर टायर, एलडर हैल्थकेयर, सिरमौर अलाइड एंड सीमेंट, सनराइज इंजीनियरिंग सिस्टम, पे्रम वायर, एसपी इंडस्ट्रीज, प्रेम वायर, पारस अप्लायंस, ग्रेंड इंटरनेशनल, नवकार पॉली प्लास्ट, रेहन नॉन वूवन इंडस्ट्री, पप्लास्ट फिल्टे्रशन, स्टेंडर्ड सरफेक्टेंट, हैल्दी इंडिया न्यूट्रीशनल तथा चिब्बा एग्रो प्राइवेट लिमिटेड पांवटा साहिब सिरमौर शामिल हैं। ये सभी उद्योग बंद हो चुके हैं, जिसमें जो लोग रोजगार पाए हुए थे, उन्हें इससे हाथ धोना पड़ा है। बता दें कि नोटबंदी और रिसेशन के दौर में पूरे देश में उद्योगों पर बंद होने का संकट रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी उद्योगों पर इसकी मार पड़ी है, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है।

बीएससी नर्सिंग में पिछड़ा वर्ग को 18 फीसदी आरक्षण

मुख्यमंत्री ने ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला के पूछे सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को तिब्बतियों और कश्मीरी विस्थापितों की तर्ज पर मात्र दो ही सीटें नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग हिमाचल प्रदेश के अंर्तगत बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में अन्य पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत आरक्षण 200 प्वांइट आरक्षण रोस्टर के अनुरूप दिया जा रहा है, जो कि कार्मिक विभाग, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की खुली भर्ती के लिए स्थानीय एवं क्षेत्रीय आधार पर निर्धारित किया गया है।

एक साल में हिमकेयर से 65807 का इलाज

विधानसभा में सवाल के लिखित जवाब में सीएम ने कहा कि हिमकेयर योजना हिमाचल में पहली जनवरी, 2019 को शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हैल्थ प्रोटेक्शन स्कीम के 1.66 लाख परिवारो और मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना के 1.05 लाख परिवारों को समाहित किया गया और 4.02 लाख नए परिवारों को 19 फरवरी, 2020 तक पंजीकृत किया गया। इस योजना के अंतर्गत पहली जनवरी, 2019 से 19 फरवरी, 2020 तक 65807 लागों ने 60 करोड़ 91 लाख रुपए की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ पंजीकृत अस्पतालों में प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने लिखित जानकारी में बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का आरंभ 23 सितंबर, 2018 को किया गया था और हिमकेयर योजना का शुभारंभ पहली जनवरी, 2019 से किया गया।

शिमला — विधानसभा बजट सत्र के दौरान सदन को संबोधित करते मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

एकल, विधवाओं व दिव्यांगों का बढ़ सकता है वेतन

शिमला  – हिमाचल की एकल, विधवाओं व दिव्यांग महिलाओं की सलाना वेतन अवधि को सरकार 35 हजार से बढ़ाकर एक लाख तक कर सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खु के अनुपूरक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। सीएम ने कहा कि सरकार वित्तीय स्थिति को देखते हुए इन इन तीन वर्गों को राहत दे सकती है। दरअसल सदन में मूल रूप से रेणुकाजी के विधायक विनय कुमार धर्मशाला के विधायक पवन कुमार काजल द्वारा समाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में इनकम क्राइटेरिया विभिन्न वर्गों के लिए क्या तय किया है, इस पर जानकारी मांगी थी। इस पर विधायकों के सवाल का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने भी कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत बीपीएल परिवारों को मकान बनाने के लिए मदद करती है। प्रदेश में केंद्र सरकार की पेंशन योजना का फायदा 5 लाख 34 हजार 565 पेंशनर्ज को मिल रहा है।

प्रदेश में 261807 गरीबी रेखा से नीचे

शिमला – हिमाचल प्रदेश में आज भी बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं। सरकार ने इन लोगों के उत्थान के लिए कई योजनाएं सालों से चला रखी हैं, मगर फिर भी प्रदेश में 2 लाख 61 हजार 807 लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। बताया जाता है कि पिछले दो साल में इसमें मामूली कमी जरूर हुई है। पहली जनवरी, 2018 को प्रदेश में 2 लाख 74 हजार 428 लोग गरीबी रेखा से नीचे थे, जिसमें थोड़ी कमी हुई है। सदन में विधायक मुकेश अग्निहोत्री के सवाल पर सरकार ने लिखित में जानकारी दी। इसमें बताया गया कि बिलासपुर में 31 जनवरी, 2020 तक 16724 लोग, चंबा जिला में 46393, हमीरपुर में 16771, कांगड़ा में 53848, कुल्लू में 10911, किन्नौर में 2402, लाहुल-स्पीति में 1509, मंडी में 40070, शिमला में 30462, सिरमौर में 12929, सोलन में 15400 तथा ऊना जिला में 14388 लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं। सरकार ने बताया कि प्रदेश के लिए गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों का निर्धारित लक्ष्य 282370 है, जो दसवीं पंचवर्षीय योजना में करवाए गए बीपीएल सर्वे पर आधारित है। इस लक्ष्य को एक लाख कम करने से संबंधित कोई निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा नहीं लिया गया है। हालांकि तीन जनवरी, 2020 को अधिसूचित मिशन अंतोदय उत्थान योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे चयनित परिवारों में से एक लाख परिवारों का चयन करके उन्हें सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना में एक लाख परिवारों का चयन कर लिया गया है तथा योजना में किए गए प्रावधान के अनुसार प्रत्येक च्यनित पविर की आर्थिक स्थिति व उनकी आवश्यकताओं के लिए घर-घर जाकर सर्वे करने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है, ताकि मांग की प्रासंगिकता के अनुरूप योजनाओं का बास्केट बनाकर अगले छह महीने में च्यनित परिवार को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा सके।

सिरमौर की 40 खनिज खानों की नीलामी

पांवटा साहिब के विधायक सुखराम के पूछे गए सवाल में उद्योग मंत्री ने कहा कि जिला सिरमौर की यमुना, गिरी व सुंकर नदियों में कुल 40 लघु खनिज खानों की नीलामी की गई है। उद्योग मंत्री ने कहा कि जब तक नीलाम किए खनीज खानों में पूरी तरह से सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो जाती हैं, तब तक उसे शुरू नहीं किया जाता है। विधायक के पूछे सवाल के जवाब में मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में लीज से बाहर माइनिंग करने वालों पर जुर्माना किया जाएंगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App