पीजी के लिए फायर सेफ्टी नॉर्म्स कंपल्सरी

By: Mar 5th, 2020 12:02 am

चंडीगढ़ – चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर में चल रहे पेइंग गेस्ट्स पीजी के लिए फायर सेफ्टी नॉर्म्स तय किए हैं। निगम की और से इन फायर सेफ्टी नॉर्म्स को लागू करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन के पास मंजूरी के लिए भेजे हैं। निगम की और से भेजे गए इन फेयर सेफ्टी नार्म्स को लेकर प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की मंजूरी मिलते ही इसे शहर के हर पीजी के लिए लागू कर दिया जाएगा। इस बारे में चंडीगढ़ नगर निगम के आयुक्त कमल किशोर यादव ने बताया कि पीजी में रह रहे पेइंग गेस्ट्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह सेफ्टी नॉर्म्स अनिवार्य होंगे। कोई भी पीजी संचालक अगर इन फायर सेफ्टी नॉर्म्स को लागू नहीं करता है। उसे फायर क्लीयरेंस नहीं दी जाएगी। जिन पीजी संचालकों के पास ये नॉर्म्स पूरे नहीं होंगे। उनके पीजी का रजिस्ट्रेशन भी रद कर दिया जाएगा। कमिश्नर कमल किशोर यादव ने बताया कि नगर निगम की ओर से यह फायर सेफ्टी नॉर्म्स बनाकर मंजूरी के लिए प्रशासन को भेज दिया गया है। मंजूरी मिलते ही पीजी के फायर सेफ्टी नॉर्म्स की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। प्रशासन ने पीजी को लेकर बनाई नई पॉलिसी में जहां फायर क्लीयरेंस को अनिवार्य कर दिया है। वहीं पीजी संचालकों को फायर क्लीयरेंस लेने के लिए एक महीनें का समय दिया है। एक महीने का फायर क्लीयरेंस के लिए समय देकर पीजी संचालकों को तब तक के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा है। नगर निगम ने पीजी को लेकर जो फायर सेफ्टी नॉर्म्स बनाए हैं। उसके मुताबिक अब हर पीजी में अग्निशमन यंत्र  लगाना जरूरी होगा। जिस बिल्डिंग में पीजी चल रहा होगा। उसके हर फ्लोर पर कम से कम चार से पांच अग्निशमन यंत्र होने जरूरी हैं। नॉर्म्स के मुताबिक पीजी में लगाए गए हर अग्निशमन यंत्र सर्टिफाइड डीलर द्वारा लगाए गए होने चाहिए। इसके अलावा पीजी में लगाए गए सभी अग्निशमन यंत्र पर उस पर तारीख होनी चाहिए कि किस तिथि को यह अग्निशमन यंत्र पीजी में लगाए गए हैं और इन अग्निशमन यंत्र की वैधता कब तक कही हैं। इन अग्निशमन यंत्र को दोबार कब चेक कर गैस रीफिल की जाएगी। फायर सेफ्टी नॉर्म्स के मुताबिक अब हर पीजी में पांच हजार लीटर का वाटर टैंक होना जरूरी हैं ताकि आग लगने जैसी आपातकालीन स्थिति में वाटर टैंक का इस्तेमाल किया जा सके। नॉ?र्म्स के मुताबिक हर पीजी संचालक को बिल्डिंग बायलॉज का ध्यान रखते हुए वाटर टैंक बनाना होगा। ताकि वाटर टैंक बनाने से बिल्डिंग को कोई नुकसान न हो। हर पीजी में प्रॉपर्टी के मालिक या पीजी संचालक को फायर होस रील लगाना जरूरी होगा। अगर पीजी में आग लग जाए। ऐसी स्थिति में ताकि दमकल विभाग के कर्मचारी फायर होस रील का प्रयोग कर बिल्डिंग की ऊपरी इमारत या अंदर कमरों में लगी आग को बुझा सके। फायर सेफ्टी नॉ?र्म्स के मुताबिक जिस भी पीजी में 15 से ज्यादा पेइंग गेस्ट रह रहे होंगे। वहां फायर होस रील लगाना जरूरी होगा। फायर होस रील एक पाइपनुमा यंत्र होता हैं, जिसे आग लगने पर दमकल विभाग की गाड़ी से जोड़कर या वाटर टैंक से जोड़कर आग पर पानी डालने में काम आता है।


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