प्रदेश विश्वविद्यालय भरेगा 63 कालेजों की एफिलिएशन फीस

By: Mar 18th, 2020 12:01 am

शिमला  – प्रदेश के 60 से ज्यादा कालेजों के लिए राहत भरी खबर है। अब प्रदेश विश्वविद्यालय इन कालेजों की एफिलिएशन फीस खुद भरेगा।  विश्वविद्यालय अपने बजट से ही इन कालेजों की फीस को भरेगा। बताया जा रहा है कि सरकार के आदेशानुसार एचपीयू ने यह निर्णय लिया है। कहा जा रहा है कि विश्वविद्यालय सरकार को प्रोपोजल भेजेगा, जिसमें कालेजों की एफिलिएशन पर अलग से बजट मांगेगा। बता दें कि हिमाचल के ऐसे करीब 63 कालेज हैं, जिन्होंने बजट न होने की वजह से एचपीयू में फीस जमा नहीं करवाई है। इन कालेजों की लाखों रुपए की एफिलिएशन फीस सरकार ने माफ कर दी है। विधानसभा में भी शिक्षा मंत्री इस बारे में घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में सैकड़ों कालेजों को बिना फीस के नैक को अप्लाई करने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। बता दें कि कालेजों को नैक को अप्लाई करने से पहले एचपीयू में लाखों रुपए की एफिलिएशन फीस जमा करवानी पड़ती हैं। लगभग 63 ऐसे कालेज हैं, जो सालों से एचपीयू में एफिलिएशन फीस जमा नहीं करवा पा रहे हैं। गौर हो कि शिक्षा विभाग ने नए कालेजों की एफिलिएशन फीस माफ करने की बात कही थी, लेकिन बजट की कमी होने से विभाग एचपीयू को यह फीस नहीं दे पा रहा था। एचपीयू का भी यह तर्क है कि कालेजों से फीस न लेने की वजह से उसकी तिजौरी भी खाली हो रही है। सरकार से मिले आश्वासन के बाद एचपीयू ने कालेजों से हजारों रुपए की एफिलिएशन फीस न लेने का निर्णय लिया है। अब एचपीयू ने साफ किया है कि कालेजों को स्थायी संबद्धता को लेकर एचपीयू ही सरकार की सहमति से बजट खर्च करेगा। वहीं, सरकार ने विश्वविद्यालय को आदेश दिए हैं कि एफिलिएशन फीस न देने वाले कालेजों में पढ़ रहे छात्रों की डिग्री व रिजल्ट नहीं रुकने चाहिएं।

चार-पांच लाख की फीस बन रही दिक्कत

प्रदेश के अधिकतर कालेजों को अभी तक स्थायी संबद्धता ही एचपीयू से प्राप्त नहीं हो पाई है। इसके चलते उन्हें नैक से मान्यता लेने में भी परेशानी आ रही है। बताया जा रहा है कि एक कालेज को एचपीयू से स्थायी संबद्धता लेने के लिए चार से पांच लाख की फीस एचपीयू को देनी पड़ रही है, लेकिन इतनी राशि कालेजों के पास न होने से वे इस प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।


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