बड़े अस्पतालों में सन्नाटा, सीएचसी-पीएचसी फुल

By: Mar 19th, 2020 12:30 am

कोरोना का खौफ; मेडिकल कालेज, जिला और जोनल अस्पताल जाने से कर रहे परहेज

शिमला  – कोरोना के खौफ से प्रदेश में ओपीडी का ग्राफ भी बदल गया है। बड़े अस्पताल जैसे मेडिकल कालेज, जिला और जोनल अस्पताल में मरीजों का ग्राफ काफी कम हो गया है, वहीं डिस्पेंसरी के साथ, सीएचसी और पीएचसी में यह आंकड़ा एकाएक बढ़ गया है। जानकारी के मुताबिक प्रति दिन की ओपीडी में तीस से चालीस फीसदी मरीजों का आंकड़ा एकदम से बढ़ गया है। इनमें शहरी क्षेत्र ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों की डिस्पेंसरी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। प्रदेश में 2104 सब-सेंटर्स हैं, 587 पीएचसी और सीएचसी की संख्या 92 है। प्रतिदिन यहां पर लगभग दो लाख मरीज़ इलाज करवाने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में संबंधित अस्पतालों में मरीजों का ग्राफ बढ़ गया है, जिसमें सभी प्रकार के रोग शामिल हैं। सबसे ज्यादा मरीज सर्दी-जुकाम के हैं। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि लोग बड़े अस्पतालों में इलाज में जाने से इसलिए डर रहे हैं, क्योंकि  उन्हें संदेह है कि कोरोना के संदिग्ध मामले भी बड़े अस्पतालों में रखे जा रहे हैं। लिहाजा अब उन्हें जो भी बीमारी हो रही है, वह छोटे अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं। गौर करें तो प्रदेश में कोरोना का आईजीएमसी में पहला संदिग्ध केस आने के बाद अस्पतालों की सभी ओपीडी का ग्राफ एकाएक गिर गया था, लेकिन अब ऐसा नहीं है सीएचसी और पीएचसी में मरीजों का आंकड़ा इलाज को लेकर ा बढ़ गया है। आईजीएमसी की कैजुअल्टी भी बुधवार को खाली नजर आई। एसीएस का कहना है कि प्रदेश सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए व्यापक सूचना, शिक्षा व संप्रेषण गतिविधिया समूचे प्रदेश भर में संचालित की जा रही हैं। प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से जनसाधारण को स्वयं व समाज को कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है।अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण से विश्व के अधिकांश देश ग्रस्त हैं और सही व उपयुक्त जानकारी से खुद को व समूची मानव जाति को सुरक्षित रख सकते हैं, आवश्यकता मात्र सजग रहने की है।


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