मजदूरों को मुहैया करवाया जाए राशन

By: Mar 27th, 2020 12:05 am

शिमला – हिमाचल प्रदेश में मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए, वहीं कोरोना के कारण दिहाड़ी न लगा पाने वाले मजदूरों को सरकार की ओर स आर्थिक सहयोग व राशन मिलनी चाहिए। यह माग सीटू राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश सरकार से उठाई हैं। सीटू की मांग है कि कोरोना महामारी के मध्यनजर किए गए लॉकडाउन व कर्फ्यू की स्थिति में प्रदेश में कार्यरत संगठित व असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा दी जाए तथा उनकी आर्थिक व राशन के रूप में उनकी मदद सुनिश्चित की जाए। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थिति से सबसे ज्यादा नुकसान मजदूर वर्ग को ही हुआ है। इस स्थिति में मजदूर भारी आर्थिक व मानसिक परेशानी में हैं। रातों-रात उनका रोजगार खत्म हो गया है। हमीरपुर के नादौन में भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके उत्तर प्रदेश निवासी एक मजदूर ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। इससे साफ हो रहा है कि मजदूरों की स्थिति आने वाले दिनों में और बुरी होने वाली है। ऐसे अनेकों  उदाहरण कांगड़ा-पठानकोट मैहतपुर नंगल,  कालाअंब हरियाणा, बद्दी चंडीगढ़  ,पांवटा साहिब उत्तराखंड  व परवाणू कालका सीमा में देखने को मिले हैं। विजेंद्र मेहरा ने कहा है सबसे बुरी स्थिति असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की है। प्रदेश में मनरेगा में लगभग बारह लाख जॉब कार्ड होल्डर हैं। सरकार से अपील की है कि इन सभी पंद्रह लाख मजदूरों के परिवार को आगामी तीन महीनों के लिए प्रति माह पांच हजार रुपए की मदद राज्य सरकार दे व साथ ही तीन महीने का प्रति माह 35 किलो मुफ्त राशन एकमुश्त इन्हें दिया जाए। प्रेम गौतम ने कहा है कि प्रदेश के निजी उद्योगों व अन्य स्थापनाओं में दो लाख से ज्यादा मजदूर कार्यरत हैं।


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