‘मैं जीना सिखाता हूं’ अब पंजाबी में उपलब्ध
धर्मशाला – वरिष्ठ साहित्यकार तथा प्रदेश के सूचना एवं जन संपर्क विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय धर्मशाला में बतौर उपनिदेशक तैनात अजय पराशर की एड्स पीडि़तों की व्यथा को दर्शाता हिंदी कहानी संग्रह ‘मैं जीना सिखाता हूं’ अब पाठकों के लिए पंजाबी में उपलब्ध है। इस पुस्तक का अनुवाद प्रसिद्ध पंजाबी एवं हिंदी साहित्यकार डा. धर्मपाल साहिल ने किया है। गौरतलब है कि अजय पराशर की मूल पुस्तक में एड्स पीडि़तों की मनोव्यथा को प्रदर्शित करती 16 कहानियां शामिल हैं। इनमें स्त्री विमर्श पर आधारित एक कहानी ‘नाराजगी’ पर विख्यात साहित्यकार एवं फिल्म निर्माता-निर्देशक राजेंद्र राजन डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं। अजय पराशर ने बताया कि वह आजकल ड्रग्स प्रभावितों और पौंग बांध विस्थापितों की व्यथाओं पर आधारित कहानियों के अलावा व्यंग्य संग्रह ‘तेरी डफली मेरा राग’ पर काम कर रहे हैं। इन तीनों पुस्तकों के इस साल के अंत तक प्रकाशित होने की संभावना है। राष्ट्रपति पदक से अलंकृत डा. धर्मपाल साहिल अब तक 35 पुस्तकों का अनुवाद कर चुके हैं।
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