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By: Mar 18th, 2020 12:06 am

विकेश कुमार बडोला

लेखक, उत्तराखंड से हैं

भारत सरकार ने 2020-21 के बजट में क्वांटम टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए 8 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। भविष्य में दुनिया के ऊर्जा, तेल एवं गैस, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान, अंतरिक्ष, मौसम पूर्वानुमान और दूसरे अनेक क्षेत्रों से संबंधित अनुसंधान के लिए कम्प्यूटर से ज्यादा तेज व त्रुटिहीन प्रोसेसिंग प्रणाली क्वांटम प्रणाली होगी। इसकी तीव्रता, सटीकता और त्रुटिहीनता के बारे में कई शोध किए जा चुके हैं तथा लगातार किए जा रहे हैं…

जिस तेजी से दुनिया में मानव जीवन को संवारने के लिए विज्ञान के नित नए प्रयोग हो रहे हैं और प्रयोगों की सौ फीसदी सफलता के लिए मानवीय जीवन के प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित सूचनाओं व आंकड़ों की सटीक प्रोसेसिंग का महत्त्व बढ़ता जा रहा है, उसी तीव्रता से क्वांटम टेक्नोलॉजी अपनाने का प्रचलन भी बढ़ता जा रहा है। इसी बात की गंभीरता को ध्यान में रख भारत सरकार ने 2020-21 के बजट में क्वांटम टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए 8 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। भविष्य में दुनिया के ऊर्जा, तेल एवं गैस, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान, अंतरिक्ष, मौसम पूर्वानुमान और दूसरे अनेक क्षेत्रों से संबंधित अनुसंधान के लिए कम्प्यूटर से ज्यादा तेज व त्रुटिहीन प्रोसेसिंग प्रणाली क्वांटम प्रणाली होगी। इसकी तीव्रता, सटीकता और त्रुटिहीनता के बारे में कई शोध किए जा चुके हैं तथा लगातार किए जा रहे हैं। क्वांटम प्रौद्योगिकी फिजिक्स और इंजीनियरिंग के समन्वय से संचालित एक उभरता क्षेत्र है, जो क्वांटम भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित है। क्वांटम तकनीक तकनीकी गणना, संवेदक आकलन, कूट-लेखन, अनुकरण, मापन विद्या और कल्पना जैसे प्रायोगिक एप्लीकेशन्स के निर्माण के बारे में है। क्वांटम की यह पूरी प्रक्रिया क्वांटम क्रियाविधि, विशेष रूप से क्वांटम एंटेजल्मेंट, क्वांटम सुपरपोजिशन तथा क्वांटम टनलिंग की प्रकृति पर आधारित है।

जॉनन वोन न्यूमैन, जो कि एक अमरीकी-हंगेरियन वैज्ञानिक व गणितज्ञ थे, उनके अनुसार क्वांटम प्रौद्योगिकी निर्धारित पुरातन क्रियाविधि से अलग है जो सिद्ध करती है कि कोई भी क्रिया दो तरह की गतिविधियों की शक्तिसंपन्नता द्वारा तय होती है। उन्होंने निश्चित किया कि क्वांटम प्रौद्योगिकी का निर्धारण संभावनाओं द्वारा होता है और संभावना संबंधित इस स्पष्टीकरण का उपयोग प्रौद्योगिकी की श्रेष्ठता को सही ठहराने के लिए किया गया है। संभावना से आशय 0 और 1 के बीच एक ऐसे अंकीय विवरण से है जिसमें ये पता चलता है कि किसी घटना के घटित होने की कितनी संभावना है अथवा ये कितना संभव है कि घटना-प्रस्ताव सत्य है। क्वांटम टेक्नोलॉजी के मुख्यतः तीन संघटक हैं। पहला, सेंसिंग यानी संवेदन। दूसरा, सुरक्षित संचार और तीसरा कम्प्यूटिंग यानी गणना। यह प्रौद्योगिकी इन्हीं तीन संघटकों के पारस्परिक, भौतिकीय व अभियांत्रिकी प्रबंधन से क्रियान्वित होती है और सूचनाओं, आंकड़ों की सही-सही जानकारी देती है। आज ऐसे बहुत से उपकरण उपलब्ध हैं जो कि मूलतः क्वांटम क्रियाविधियों के प्रभावों पर निर्भर हैं। इनमें शामिल हैं-लेजर प्रणाली, ट्रांजिस्टर और सेमी-कंडक्टर उपकरण तथा अन्य उपकरण, जैसे एमआईआई इमेजर्स। ये उपकरण अकसर ‘प्रथम क्वांटम क्रांति’ से संबंधित उपकरण माने जाते हैं। यूके रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला ‘डीएसटीएल’ ने इन उपकरणों को ‘क्वांटम 1.0’ के रूप में संगठित किया है। ये वे उपकरण हैं जो क्वांटम क्रियाविधियों के प्रभावों पर आधारित हैं। क्वांटम प्रौद्योगिकियों की व्याख्या अकसर ‘द्वितीय क्वांटम क्रांति’ अथवा ‘क्वांटम 2.0’ के रूप में की जाती है। क्वांटम प्रौद्योगिकी क्षेत्र को पहले पहल गेरार्ड जेमिलबर्न ने 1997 में लिखी गई अपनी किताब में रेखांकित किया। इसके समर्थन में जोनाथन पी. डालिंग व खुद गेरार्ड और डेविड डच ने 2003 में शोध निबंध तैयार किए। क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र ने क्वांटम सूचना प्रक्रमण, विशेष रूप में क्वांटम गणना के क्षेत्र से उभरने वाले नई दिशाओं के प्रवाह से बहुत फायदा पहुंचाया।

क्वांटम भौतिकी के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों जैसे क्वांटम ऑप्टिक्स, एटम आप्टिक्स, क्वांटम इलेक्ट्रॉनिक्स और क्वांटम नैनोमेकेनिकल उपकरणों को एक क्वांटम कम्प्यूटर तथा क्वांटम सूचना सिद्धांत की एक आम प्रचलित भाषा के लिए की जाने वाली खोज के तहत एकीकृत किया गया है। क्वांटम घोषणा पत्र पर 3400 वैज्ञानिकों ने हस्ताक्षर किए और इसे 2016 में क्वांटम यूरोप सम्मेलन में आधिकारिक रूप में जारी किया गया था, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक समुदाय और उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी पहल का आह्वान करना, प्रयोगशाला से उद्योग तक क्वांटम प्रौद्योगिकी पहुंचाना और विज्ञान, अभियंत्रण एवं व्यवसाय के एक संयोजन में क्वांटम प्रौद्योगिकी पेशेवरों को शिक्षित करना था। इसके बाद यूरोपीय आयोग ने घोषणा पत्र की प्रतिक्रिया में क्वांटम प्रौद्योगिकी के तत्त्वावधान में एक बिलियन डालर की 10 वर्षीय दीर्घावधि की बहुत बड़ी परियोजना की मंजूरी दी, जो कि आकार में पहले की यूरोपियन फ्यूचर एंड एमरजिंग टेक्नोलॉजीज फ्लैगशिप परियोजनाओं, जैसे ग्रीफीन फ्लैगशिप एंड ह्यूमन ब्रेन प्रोजेक्ट के बराबर थी। क्वांटम प्रौद्योगिकी के लाभों को देखते हुए चीन विश्व का सबसे बड़ा क्वांटम अनुसंधान सुविधा केंद्र बना रहा है। इस केंद्र के निर्माण पर उसने 76 बिलियन युआन यानी लगभग 10 बिलियन डालर का निवेश किया है। चीन के अलावा अमरीका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, जापान और ब्रिटेन भी क्वांटम टेक्नोलॉजीज के संबंध में अपने-अपने राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं। 2010 के बाद यानी पिछले एक दशक में क्वांटम टेक्नोलॉजी के प्रति विश्व के प्रमुख देशों ने गंभीरता दिखाई है और इसका सहज इस्तेमाल करते हुए इसके लाभों से समृद्ध, सुरक्षित व विकसित होने के लिए इससे संबंधित अनेक कार्यक्रम स्थापित किए हैं। ऐसे ही कार्यक्रमों में से एक है, यूके नेशनल क्वांटम टेक्नोलॉजीज प्रोग्राम, जिसके तहत चार क्वांटम केंद्रों की स्थापना की गई है। इन्हीं में एक है, सिंगापुर स्थित सेंटर फॉर क्वांटम टेक्नोलोजीज और दूसरा हॉलैंड स्थित एक क्यू टेक सेंटर है, जो एक सांस्थितिक क्वांटम कम्प्यूटर विकसित करने के लिए स्थापित किया गया है। 22 दिसंबर 2018 को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस नेशनल क्वांटम इनिशिएटिव एक्ट पर हस्ताक्षर किए। अमरीका द्वारा यह कानून इसलिए बनाया गया ताकि वे क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्यों के लिए प्रतिवर्ष एक बिलियन डालर का बजट पारित कर सकें। अमरीका ने यह निर्णय इसलिए भी लिया क्योंकि वह चीन द्वारा क्वांटम टेक्नोलॉजी में किए गए भारी भरकम निवेश और परिणामस्वरूप चीन की वैज्ञानिक उन्नति से खासा बेचैन था। चीन ने हाल ही में अपना एक क्वांटम उपग्रह प्रक्षेपित किया है। अमरीका का उद्देश्य क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन की इस उपलब्धि से बड़ी उपलब्धि  हासिल करना है। हालांकि निजी क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियों द्वारा बनाई गई क्वांटम प्रौद्योगिकियों में बहुत ज्यादा निवेश हुआ है। उदाहरण के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ  कैलिफोर्निया सांता बारबारा ‘यूसीएसबी’ में जॉन मॉर्टिनिस गु्रप के साथ गूगल की साझीदारी, कनाडा की क्वांटम कम्प्यूटिंग कंपनी डी-वेब सिस्टंस के साथ अनेक साझीदारियां और यूके क्वांटम टेक्नोलॉजीज प्रोग्राम में यूके की कई कंपनियों द्वारा किए गए निवेश क्वांटम टेक्नोलॉजी के प्रति बढ़ते समर्पण का ही परिणाम हैं।


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