सेना और कोरोना

By: Mar 28th, 2020 12:04 am

कर्नल (रि.) मनीष धीमान

स्वतंत्र लेखक

पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस की चर्चा अकसर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और अखबारों के जरिए चल रही थी। दुनिया का लगभग हर देश इससे बचाव की कोशिश कर रहा था, पर पिछले एक हफ्ते से दुनिया जैसे थम सी गई है। अन्य देशों की तरह भारत में भी जनता कर्फ्यू से शुरू हुई बात 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन तक पहुंच गई है। हर इनसान को अपने घर की चारदीवारी में बैठने के लिए सलाह दी गई है। आज तक वक्त की कमी का जिक्र करने वाले लोगों को अब समय कैसे बिताना है यह समझ नहीं आ रहा। नवरात्रि में मंदिरों के सन्नाटे ने यह एहसास करवा दिया है कि जान है तो जहान है। अमरीका का कहना है कि यह कोरोना वायरस एक जैविक हथियार के रूप में चीन ने शुरू किया है, और इसके पीछे पूरे विश्व को इस बीमारी से ग्रसित करने के बाद इलाज के लिए महंगी दवाई बेचने का षड्यंत्र है। सोशल मीडिया के कुछ मैसेज जिनकी सच्चाई की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, अमरीका की बात को और सुदृढ़ कर रहे हैं कि कोरोना वायरस सिर्फ  चीन के वुहान शहर तक ही सीमित है और इसका कोई भी असर बीजिंग और शंघाई में नहीं दिख रहा है। इसके उलट चीन का कहना है कि यह अमरीका का षड्यंत्र है और उनकी सेना के द्वारा कोरोना वायरस को चीन और ईरान में फैलाया गया है। इसी के समर्थन में रूस का मानना है कि चीन और ईरान, दोनों देश अमरीका के खिलाफ  हैं, इसलिए इस बीमारी को इन्हीं देशों में फैलाने का षड्यंत्र था, पर इसको नियंत्रित न कर पाने की वजह से अब पूरा विश्व इसकी चपेट में आ गया है। अभी सच्चाई क्या है, वह भविष्य में समय के बरके बदलने से और परतें खुलने से सामने आएगी। भारत में इसके फैलने का कारण विदेशों से आ रहे लोग हैं। एक सुप्रसिद्ध गायिका जो विदेश से आने के बाद हाईप्रोफाइल लोगों से मिली और एक पत्रकार जो मध्य प्रदेश की सियासी उठापटक के दौरान हर खबर के लिए सभी नेताओं के बीच मौजूद था, उनके टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है। इस बीमारी से सुरक्षित दिख रहा हिमाचल प्रदेश भी बाहर से आए एक यात्री की कोरोना वायरस से मौत होने की वजह से इससे अछूता नहीं रहा है। इस सबके बीच भारतीय सेना प्रमुख ने कोरोना वायरस पर बात करते हुए कहा है कि सेना ने एहतियातन अपने हर तरह के प्रोग्राम जैसे ट्रेनिंग, सेमिनार और कान्फ्रेंस को कुछ दिन के लिए स्थगित करके, सिर्फ  सीमाओं को सुरक्षित रखने को ही तवज्जो दी जा रही है। मानेसर, जैसलमेर और जोधपुर कैंट में कोरोना ग्रसित या विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए खाली कर दिया गया है और जरूरत पड़ने पर अन्य कंटोनमेंट भी और सैन्य डाक्टर भी देश के नागरिकों की सेवा के लिए तैयार हैं। लॉकडाउन के आदेश को लोगों के समर्थन से पैरामिलिट्री फोर्स अभी तक सुचारू रूप से लागू कराने में कामयाब हुई है, पर जरूरत पड़ने पर सेना भी सरकार की हर तरह की मदद करने के लिए हमेशा तैयार है।


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