हिमाचल में बनी दवाएं घटिया

By: Mar 7th, 2020 12:22 am

मानकों पर खरी नहीं उतरी प्रदेश के छह उद्योगों की दवाइयां, संसारपुर टैरेस के कैंसर की दवाई सबस्टैंडर्ड

बीबीएन-केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण छह दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई है। सीडीएससीओ की पड़ताल में अन्य राज्यों के दवा उद्योगों में निर्मित 32 तरह की दवाएं भी गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर पाई है। जो दवाएं सबस्टेंडर्ड पाई गई है उनमें कैंसर, घुटनों के दर्द, मधुमेह, संक्रमण, बुखार, अनीमिया, गैस्ट्रिक, अल्सर, विटामिन बी 12 की कमी के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, इंजेकशन व मुहांसों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली क्रीम शामिल है। बता दें कि फरवरी माह में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने देश भर के अलग अलग राज्यों से 1271 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिनमें से जांच के दौरान 38 दवाएं सबस्टैंडर्ड पाई गई जबकि 1233 दवाएं गुणवता के पैमाने पर सही पाई गई हैं। सीडीएससीओ के ड्रग अर्लट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने हरकत में आते हुए तमाम सबंधित दवा उद्योगों को नोटिस जारी कर बाजार से फेल हुए दवा उत्पादों का पुरा बैच हटाने के आदेश जारी कर दिए है। प्राधिकरण दवारा सबंधित क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों को उक्त उद्योगों का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने की भी हिदायमें जारी की है। सीडीएससीओ के ड्रग अर्लट में इस बार हिमाचल के छह उद्योगों में निर्मित दवाएं ही सबस्टैंडर्ड पाई गई है, यह उद्योग बददी बरोटीवाला, नालागढ़ व कांगड़ा में स्थापित है, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित उद्योग की दवाएं इस बार भी गुणवत्ता पैमाने पर खरी नहीं उतर सकी है। दवाईयों के यह सैंपल सीडीएससीओ बददी, ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट हिमाचल, सीडीएससीओ चैन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद ,जम्मू, मंबुई, कोलाकाता, ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट अरूणाचल प्रदेश, आसाम, गाजियाबाद  ने जांच के लिए जुटाए थे, जिनका सीडीएल की लैब में परीक्षण करवाया गया जहां 38 दवाएं सबस्टेंडर्ड निकली। इस बाबत राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण के बद्दी स्थित डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि सबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया है और उन्हें बाजार से फेल हुए दवा का पुरा स्टाक हटाने के आदेश दे दिए गए है। संबंधित क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों को इन लापरवाह उद्योगों का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

नहीं हुई अब तक को भी कार्रवाई

उद्योग की दवाएं बार बार सबस्टैडंर्ड पाई जा रही है, लेकिन इस उद्योग पर अभी तक बड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। इसके अलावा चीन में निर्मित कैंसर के उपचार की दवा भी सबस्टैंडर्ड निकली है। ड्रग अर्लट में गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उतराखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, चैन्नई सहित अन्य राज्यों के उद्योगों में निर्मित भी जांच में गुणवता मानकों पर फेल हुई है।


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