आगजनी से निपटने को वन विभाग मुस्तैद

By: Apr 27th, 2020 12:15 am

नालागढ़-गर्मियों में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए वन विभाग चुस्त दुरुस्त हो गया है। वन विभाग नालागढ़ भीष्ण गर्मियों में लगने वाली जंगलों में आग और आग लगने से वन संपदा को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए गर्मियों के आने से पहले ही मुस्तैद हो गया है। वन विभाग ने एएसीएफ  की अगवाई में टॉस्क फोर्स का गठन कर दिया है, वहीं 48 फायर वॉचरों की ड्यूटियां सुनिश्चित बना दी है। जंगलों में चीड़ व अन्य घास पतों की सफाई करके फायर लाइन क्लीयर की जा रही है, ताकि आग लगने वाले संभावित क्षेत्रों में तुरंत पहुंचकर कार्रवाई की जा सके। विभाग द्वारा वन कर्मियों के मोबाइल नंबर भी सर्कुलेट किए जा रहे हैए जबकि विभाग द्वारा फिल्ड स्टाफ  की छुट्टियां भी रदद की गई है। जानकारी के अनुसार वन विभाग नालागढ़ ने गर्मियों में वन संपदा पर घटित होने वाली आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए मुस्तैद हो गया है। गौर रहे कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में भीष्ण गर्मियों में पारा करीब 46 से 48 डिग्री तक पहुंच जाता है, जिसके चलते आगजनी की घटनाएं बढ़ती जाती है। लेकिन इस बार वन विभाग नालागढ़ ने अपनी कसरत तेज करते हुए गर्मियों के शुरू हुए सीजन से पूर्व ही अपनी तैयारियां पूर्ण करके वन विभाग के कर्मियों को आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए चाक चौबंद कर दिया है। डीएफओ नालागढ़ यशुदीप सिंह ने कहा कि गर्मियों में केवल मात्र घर्षण से ही आग जैसी घटनाएं पैदा हो जाती है। उन्होंने कहा कि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-26 व भारतीय दंड संहिता की धारा 435 के तहत जंगल या इसके आसपास आग लगाना कानूनन जुर्म है और अपराधी को सात वर्ष सजा व 25 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है।

 


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