ओलों से सवा 27 करोड़ की चपत

By: Apr 24th, 2020 12:01 am

शिमला-मंडी-कुल्लू में बागबानी को पहुंचा सबसे ज्यादा नुकसान

शिमला – प्रदेश में बारिश, ओलावृष्टि और तूफान ने बागबानी को करोेड़ों की  चपत लगाई है। ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान जिला शिमला में हुआ है। इसके अलावा कुल्लू  व मंडी में भी बागबानी को करोड़ोें की चपत लगी है। बागबानी विभाग द्वारा लगाए गए आकलन के तहत प्रदेश में अभी तक ओलावृष्टि से बागबानी को 27.23 करोड़ का नुकसान हो चुका है। ओलावृष्टि से शिमला के ठियोग, मतियाना की कई पंचायतों, कोटगढ़, नारकंडा, कोटखाई में बागबानी को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, कुल्लू के आनी व मंडी में कई स्थानों पर ओलावृष्टि से बागबानी को नुकसान हुआ है। मौजूदा समय में राज्य के मध्यम  ऊंचाई वाले कुछ स्थानों सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के पौधों में फ्लावरिंग का क्रम चला हुआ है। हालांकि ऊपरी शिमला में कई स्थानोें पर लोग ओलावृष्टि से बचने के लिए जाली का इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर तापमान में गिरावट फ्लावरिंग से फूल बनने की प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है। मौसम विभाग द्वारा राज्य के मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 26 व 27 अप्रैल कोे भारी बारिश व ओलावृष्टि होने की चेतावनी जारी की है। इसके लिए यलो अलर्ट भी जारी किया गया है। अगर फिर  से ओलावृष्टि होती है  तो यह बागबानी के लिए घातक साबित हो सकता है।

फ्लावरिंग के लिए सामान्य तापमान जरूरी

फ्लावरिंग के दौरान तापमान सामान्य बना रहने की आवश्यकता रहती है। इस दौरान तापमान 20 से 25 डिग्री के करीब रहना जरूरी रहता है। मगर बारिश व ओलावृष्टि  से तापमान मेें उतार-चढ़ाव का क्रम चला हुआ है, जो बागबानी के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। वहीं, ओलावृष्टि फसल के लिए कहर बन कर गिर रही है।


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