कोरोना की मार से पर्यटन उद्योग बीमार

By: Apr 24th, 2020 12:01 am

होटल ऐसोसिएशन ने उठाई विशेष पैकेज की मांग; बोले, खर्च चलाना मुश्किल

 शिमला – वैश्विक महामारी से हिमाचल  के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश का पर्यटन मौसमी व्यवसाय पर निर्भर है, मगर समर सीजन से पहले लॉॅकडाउन लगने से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से चौैपट हो गया है। इसे पटरी पर लौटने के लिए कम से कम 12 से 18 माह तक का समय लग जाएगा। ऐसे में राज्य सरकार को होटल कारोेबारियों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए। यह मांग टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर ऐसोसिएशन ने उठाई है। एसोेसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा कि हिमाचल का पर्यटन मौसम आधारित है। राज्य में समर सीजन अप्रैल से जून माह तक चलता है। समर सीजन के लिए 100 फीसदी एडवास बुकिंग्स आई थीं, मगर कोरोना के चलते सभी कैंसिल हो गई हैं। ऐसे में पर्यटन कारोबारी इस बात से चिंतित है कि उनकी इकाइयों के निर्धारित व्यय को कैसे पूरा किया जाए, जो पहले से ही संघर्ष के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2018 में शिमला में पानी की भारी कमी के कारण होटल कारोबारियों को घाटे का सामना करना पड़ा था। 2019 में लोकसभा चुनाव के चलते होटलों में सैलानियोंे की कम ही संख्या रही थी, जिससे पर्यटन व्यवसाईर्यों को नुकसान का सामना करना पडा है। मौजूदा समय में होटलों के बंद होने से होटल कारोबारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि होटल कारोबारियों ंके पास कर्मचारियों के लिए वेतन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पैसे नहीं हैं। बिजली, पानी का बिल, बैंक ब्याज, किराया, बीमा और अपनी पर्यटन इकाइयों की मरम्मत और रख-रखाव का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। ऐसे में पर्यटन कारोबार को बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि हिमाचल के पर्यटन क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए।

कारोबार ठप, राहत दे सरकार

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। होटल कारोबारियों ने सरकार से मागं उठाई है कि विशेष पैकेज के साथ होटल कारोेबारियोें को बिजली बिल, पानी की दरों सहित अन्य तरह के बिलों में विशेष छूट देकर राहत प्रदान की जाए।


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