जट्ट बेली गांव की गली-गली में नाका

By: Apr 7th, 2020 12:06 am

सेवा सोसायटी के सदस्यों ने जगह-जगह रस्सियां बांध कर बंद किए चोर रास्ते

ठाकुरद्वारा – हिमाचल-पंजाब सीमा पर स्थित रियाली पंचायत का गांव जट्ट बेली पंजाब के गांवों के बिलकुल साथ लगता है। पंजाब के गांव सरियाना और टाडे कटवाल से जट्ट बेली गांव को रास्ता जाता है । इस रास्ते से आगे कई गुप्त रास्ते हिमाचल के गांवों हलेड़ व पराल होते हुए मंड, मियानी व इंदौरा को निकलते हैं। हलेड़ स्थित ब्यास पर बनाए पुल और जगह -जगह ब्यास में पड़ते किश्ती मार्गों तथा नदी में पानी कम होने के चलते लोग रे-इंदौरा रोड पर निकल कर आगे कहीं भी चले जाते हैं। कोरोना के चलते लगे कर्फ्यू वाले दिन से सैकड़ों लोग इस रास्ते से दिन-रात पैदल और अपनी बाइकों के माध्यम से पुलिस से बचकर चोरी छिपे गुजर कर हिमाचल में प्रवेश कर रहे थे, क्योंकि इन रास्तों पर पुलिस का कम ही पहरा होता है । गांव से रोजाना गुजर रहे बाहरी लोगों की तादाद और कोरोना के भय को देखते हुए सेवा सोसायटी जट्ट बेली द्वारा हिमाचल-पंजाब की सीमा पर स्थित पंजाब से हिमाचल में प्रवेश करने वाले जट्ट बेली के वार्ड नंबर पांच में युवाओं द्वारा नाका लगाकर पंजाब से हिमाचल में प्रवेश करने वाले लोगों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। यहां तक की अपने जट्ट बेली के लोगों को भी गलियों में नहीं घूमने दिया जा रहा है । सेवा सोसायटी के प्रधान गुरमुख सिंह बेली जट्ट  और पंचायत सदस्य मंगा सिंह की देखरेख में यह सराहनीय कार्य किया जा रहा है । सोसायटी के प्रधान ने बताया कि हिमाचल ओर पंजाब को आपस मे जोड़ने वाले कई मुख्य मार्गों पर हिमाचल पुलिस द्वारा 24 घंटे नाके लगाए हुए हैं और किसी भी बाहरी आदमी को हिमाचल में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था । इन दो संपर्क मार्गों से होकर बाहरी राज्य के लोग बिना किसी डर के हिमाचल में दिन-रात प्रवेश करने और यहां तक की कई प्रकार के सामान की सप्लाई करने में जुटे हुए थे।  कोरोना की चपेट में आने के भय के चलते गांव के साथ लगते पंजाब से जोड़ने वाले रास्तों को युवाओं ने पूरी तरह से सील कर दिया है और 24 घंटे युवा बारी-बारी इन नाकों पर अपनी ड्यूटी दे रहे हैं । 


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