जीएसटी कलेक्शन में छाया हिमाचल

By: Apr 2nd, 2020 12:09 am

टारगेट था 6868 करोड़ का, फरवरी तक ही जुटा लिए 6900 करोड़

शिमला-छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश ने इस बार जीएसटी की कलेक्शन में कमाल कर दिया है। दो महीने पहले तक जिस जीएसटी कलेक्शन को लेकर आबकारी एवं कराधान विभाग पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे थे, उसने निर्धारित टारगेट से भी ज्यादा जीएसटी कमा लिया है। इस पर आला अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में अपनी टीम को शाबाशी दी है। इतना ही नहीं, कोरोना वायरस के कारण अभी स्थिति खराब है और स्थिति सामान्य होने के बाद इस कलेक्शन में और राशि जुटाई जाएगी, जिसका आंकड़ा भी लगभग तय है। सूत्रों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग के सामने पिछले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने जीएसटी की कलेक्शन का लक्ष्य 6868 करोड़ रुपए रखा था। फरवरी महीने तक के जो टैक्स कलेक्शन आबकारी महकमे को हुए हैं, वे लक्ष्य से ज्यादा हैं। बताया जाता है कि जीएसटी में प्रदेश ने 6900 करोड़ रुपए की टैक्स कलेक्शन कर दी है। तय लक्ष्य से आगे बढ़े हिमाचल ने फरवरी महीने में ही लक्ष्य से ज्यादा उगाही कर ली है, जबकि अभी मार्च महीने के टैक्स की कलेक्शन होनी है। हालांकि कोरोना वायरस के कारण उसमें ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी, क्योंकि पूरे देश में कारोबार प्रभावित है और हिमाचल में भी कारोबार को बड़ा झटका लगा है। बहरहाल जो आंकड़े सामने आए हैं, वे केवल जीएसटी के ही हैं। इसके अलावा आबकारी में भी हिमाचल पिछले वित्त वर्ष में 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाएगा, जिसका टारगेट 1625 करोड़ रुपए का रखा गया  था। आबकारी एवं कराधान में अब इस साल का टारगेट भी बढ़ाया गया है, मगर जिस तरह से कोरोना के कारण हालात हैं, उससे स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही कहा जा सकता है कि प्रदेश को इन करों में आगे कितनी कमाई होगी। फिलहाल आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने आबकारी महकमे के अफसरों को शाबाशी दी है। उन्होंने सभी को मैसेज भेजा है कि हिमाचल ने जीएसटी में बेहतर काम किया है। अभी एक्साइज में शराब ठेकेदारों का कारोबार भी थमा हुआ है और नई पालिसी को भी सरकार लागू नहीं कर पाई है। सभी को कहा गया है कि जून महीने में नई पालिसी लागू होगी, जिसके बाद ही राज्य में नए सिरे से काम शुरू होगा।

पिछले साल सरकार को लगी थी फटकार

दिलचस्प बात है कि पिछले पिछले वित्त वर्ष में हिमाचल जीएसटी में पूरी उगाही नहीं कर पाया था। इसमें लक्ष्य से कुछ कमी रह गई थी, जिस कारण प्रदेश को फटकार भी लगी थी। हालांकि उस समय जीएसटी को लेकर लोगों में उतनी ज्यादा जागरूकता नहीं थी और कई तरह की पेचीदगियां आबकारी महकमे के सामने भी थी। इस बार जागरूकता बढ़ी और नतीजा सबके सामने है।


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