डायबिटीज में फायदेमंद काली मिर्च

By: Apr 11th, 2020 12:05 am

मौजूदा वक्त में डायबिटीज की समस्या एक आम समस्या बन चुकी है, जिसके पीछे कहीं न कहीं बिगड़ता लाइफस्टाइल एक प्रमुख कारण है। वर्तमान समय में डायबिटीज से केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं और कम उम्र के लोग भी शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज एक ऐसी घातक स्थिति है, जिसमें शरीर भीतर से धीरे-धीरे खोखला होता जाता है और हमारा शरीर ढलना शुरू हो जाता है। एक बार किसी व्यक्ति को डायबिटीज हो जाए, तो यह स्थिति पूरी जिंदगी उसके साथ रहती है।

डायबिटीज तब होती है जब हमारे रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है और इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। रक्त में शुगर बढ़ने से व्यक्ति कई गंभीर रोगों का शिकार हो सकता है। इतना ही नहीं अगर इस स्थिति को नजरअंदाज किया जाए, तो शरीर के दूसरे अंग प्रभावित होकर काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। डायबिटीज से बचने के कई घरेलू उपाय भी हैं। हम आपको ऐसे ही प्राकृतिक तरीके से शुगर कंट्रोल करने का तरीका बता रहे हैं। इस तरीके के लिए आपको सिर्फ काली मिर्च और घर में रखी चीजों की ही जरूरत होगी। ऐसा  कहना बिलकुल भी सही नहीं है कि काली मिर्च के जरिए डायबिटीज से बचा सकता है, बल्कि ये इस स्थिति की रोकने में मदद कर सकती है। शुरुआत में ही काली मिर्च का सेवन आपको इस बीमारी से बचाता है और फिर बाद में डायबिटीज से संबंधित जटिलताओं से निपटने में मदद करता है।

काली मिर्च में छिपे एंजाइम हैं फायदेमंद

दरअसल काली मिर्च इस विकार से जुड़े प्रमुख एंजाइमों को रोकती है और ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव को कम करती है। यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी जानी जाती है, जो डायबिटीज रोगियों में इस स्थिति को दूर करने में मदद करती है।

काली मिर्च के अनेक रूप लेकिन सभी फायदेमंद

काली मिर्च न केवल डायबिटीज रोगियों के लिए, बल्कि जिन लोगों का पाचन तंत्र खराब रहता है, उनके पाचन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। काली मिर्च की ये क्षमताएं ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर करने में मदद करती हैं, इसके अलावा ये हाइपर ग्लाइसेमिया को भी कंट्रोल करने का काम करती है और मुक्त कण क्षति को भी कम करती हैं।

मोटापे और डायबिटीज में प्रभावी काली मिर्च

अमरीका की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की प्रोसिडिंग में प्रकाशित एक हालिया शोध में काली मिर्च के एक घटक पिपेरिन का मोटापे और मधुमेह पर प्रभाव का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि पिपेरिन मांसपेशियों को आराम देने वाले मेटाबॉलिक रेट के अपरेगुलेशन में मदद करती है, जो मोटापे और मधुमेह को कम कर सकता है। इस प्रकार यह दोनों रोगों से निपटने में प्रभावी होता है।


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