तीन दिन में बहाल होगा दर्रा

By: Apr 24th, 2020 12:06 am

मनाली – रोहतांग दर्रा पांच माह बाद बहाल होने जा रहा है। बीआरओ ने दर्रे को बहाल करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। मिशन रोहतांग पर काम कर रहे बीआरओ के जवान दर्रे की बहाली से महज एक कदम दूर हैं। रोहतांग दर्रे की बहाली का इंतजार कर रहे कबायलियों को बीआरओ ने राहत भरी खबर दी है। सीमा सड़क संगठन के जवान तीन दिन के भीतर रोहतांग दर्रे को बहाल करने जा रहे हैं। इस बात का खुलासा बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने किया है। उनका कहना है कि मिशन रोहतांग पर डटे जवानों को अब सिर्फ चार किलो मीटर सड़क से बर्फ हटाना शेष रह गया है। ऐसे में दर्रे के बहाल होेते ही जहां कुल्लू-मनाली में फंसे हजारों लोगों की आसानी से घर वापसी हो सकेगी, वहीं लोगों को हवाई सेवाओं पर भी निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। लिहाजा एक बार फिर लाहुल रफ्तार पकड़ेगा। 13050 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रे की बहाली का कार्य जहां लंबे समय से चल रहा है, वहीं खराब मौसम लगातार बीआरओ के जवानों की चुनौतियां बढ़ा रहा था। ऐसे में मौसम के साफ होते ही जहां बीआरओ के जवानों ने युद्ध स्तर पर दर्रे की बहाली का कार्य शुरू किया है, वहीं कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रख सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के कारण कुल्लू-मनाली में लाहुल के हजारों लोग फंसे हुए हैं। इनमें अधिकतर जहां किसान-बागबान हैं, वहीं स्थानीय विधायक एवं कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने भी इस संबंध में सरकार से चर्चा कर जहां बीते 16 अप्रैल को कुल्लू-मनाली में फंसे लाहुल के लोगों की घर वापसी करवाने का प्रयास किया था, वहीं रोहतांग के खराब मौसम ने इन लोगों की राह रोक डाली थी। ऐसे में बीआरओ ने सरकार से दस दिनों का समय और मांगा था और यह कहा था कि बीआरओ पूरा प्रयास करेगा कि आगामी दस दिन के भीतर ही रोहतांग दर्रे को बहाल कर दिया जाए। लिहाजा बीआरओ के जवान जहां रोहतांग दर्रे पर मोर्चा संभाले हुए हैं, वहीं बीआरओ की दो टीमें दर्रे की बहाली में जुटी हुई हैं। बीआरओ के कर्नल उमा शंकर का कहना है कि रोहतांग दर्रे पर बर्फ हटाने का कार्य 95 फीसदी पूरा हो चुका है। ऐसे में महज चार किलो मीटर सड़क से बर्फ हटाना शेष रहता है। उनका कहना है कि मौसम ने अगर साथ दिया तो आगामी तीन दिन के भीतर रोहतांग दर्रा बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लाहुल की तरफ से एक टीम रोहतांग टॉप पर पहुंच गई है, जबकि दूसरी टीम टॉप से महज चार किलोमीटर पीछे है। ऐसे में आगामी तीन दिन के भीतर दोनों टीमें दर्रे के टॉप होंगी और दर्रे के छोर जोड़ दिए जाएंगे। यहां बता दें कि आधिकारिक तौर पर रोहतांग दर्रा जहां 15 नवंबर माह से बंद कर दिया जाता है, वहीं पांच माह बाद लाहुल के लोग रोहतांग दर्रे को वाहनों के माध्यम से पार कर सकेंगे।


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