सरकार जैसा कहे, वैसा ही करें

By: Apr 10th, 2020 12:18 am

विदेशों में पढ़ाई कर रहे बच्चों को अभिभावकों का पीएम की सलाह का पालन करने का संदेश

गगरेट-कोरोना वायरस के चलते दुनिया थम सी गई है। जो जहां है, वहीं कैद होकर रह गया है। दहशत ऐसी कि इनसान ही इनसान से डर रहा है। अपने जिगर के टुकड़े इसलिए सात समंदर पार भेजे हैं कि पढ़-लिख कर जिंदगी को आसान बना सकें। लेकिन अब संकट की इस घड़ी में अपने सकुशल रहें, इसके लिए भगवान से बार-बार प्रार्थना की जा रही है। उम्मीद यह भी कि कोरोना वायरस हारेगा और उनके जिगर के टुकड़े पढ़-लिखकर सकुशल वापस लौटेंगे और उन्हें एक ही संदेश दिया जा रहा है कि सरकार जैसा आदेश दे रही है उसका पालन करें और जहां तक हो सके बाहर जाने से बचें। विदेश में पढ़ाई करने गए बच्चों को रोजाना मां-बाप वीडियो कालिंग के जरिए यही संदेश दे रहे हैं। जिला ऊना से कई बच्चे जब विदेश में पढ़ाई करने के लिए निकले तो विश्व में कहीं भी कोरोना वायरस की चुनौती नहीं थी। लेकिन अब जब कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में पांव पसार लिए हैं, तो शिक्षा ग्रहण करने गए ये बच्चे भी समय रहते घर वापसी नहीं कर पाए। उपमंडल गगरेट के अंबोटा गांव के कमल ठाकुर का बेटा आस्ट्रेलिया में एमबीए की पढ़ाई करने गया है। उसने पच्चीस मार्च को वतन वापिस आना था, लेकिन इसी बीच फ्लाइट रद्द हो जाने के चलते वह नहीं आ सका। आस्ट्रेलिया में भी इन दिनों लॉकडाउन चला हुआ है। इसी गांव के रविंद्र ठाकुर का बेटा रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया है। लेकिन रूस में भी इन दिनों लॉकडाउन चल रहा है। अंबोआ गांव के विकास परमार की दो बेटियां यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही हैं और उन्हें भी लॉकडाउन का सामना करना पड़ रहा है। लाईलाज बीमारी के बीच बच्चे विदेश में हैं, फिर भी इनके मां-बाप धैर्य नहीं खो रहे हैं। ये उन लोगों के लिए भी मिसाल है जो अपने ही देश में होते हुए भी कोरोना वायरस से इस कद्र भयभीत दिख रहे हैं कि सरकार के आदेश के बावजूद पैदल ही अपने घर को सुरक्षित मानकर निकल पड़े।


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