90 फीसदी अक्षम करार दिए कर्मी से सरकार ने मोड़ा मुंह
नादौन – हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप खरवाड़ा ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन मुख्यमंत्री से मांग करती है कि गत 15 नवंबर 2019 को दुर्घटना का शिकार हुए संतोखगढ़ निवासी आऊटसोर्स कर्मचारी निर्मल सिंह जिसको पीजीआई चंडीगढ़ द्वारा शारीरिक तौर पर 90 प्रतिशत अक्षम करार दिया जा चुका है, उसके परिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इंसाफ दिलाएं। उन्होंने बताया कि उक्त कर्मचारी का जहां दायां बाजू कट चुका है वहीं बायां बाजू भी मात्र 10 प्रतिशत हरकत में है, टांगों और पैरों में बड़े-बड़े घाव हैं, उसका लगातार पीजीआई चंडीगढ़ में उपचार करवाया जा रहा है, लेकिन यह बहुत ही दुखद विषय है कि इस कर्मचारी को न तो सर्विस प्रदाता द्वारा और न ही बिजली बोर्ड द्वारा किसी किस्म की आर्थिक मदद प्रदान की गई। उल्टा 15 नवंबर 2019 को यह कर्मचारी दुर्घटना का शिकार होता है और 16 नवंबर 2019 से इस कर्मचारी का वेतन बंद कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों से वेतन न मिल पाने की वजह से निर्मल सिंह का परिवार दो वक्त की रोटी से महरूम है। खरवाड़ा ने बताया कि बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से भी इस मामले को उठाया जा चुका है, जबकि लाखों रुपए इसके इलाज के लिए खर्च हो चुका है। यूनियन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से निर्मल सिंह सहित सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करवाने और इनको इंसाफ दिलाने की मांग की है।
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