आगजनी पर विभाग का काबू
रामशहर – गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग की घटनाएं आम बात होती है। यदि इन पर समय रहते काबू न पाया जाए तो लाखों-करोड़ों की वन संपदा का नुकसान तो होता ही है। भारतीय वन सेवा के युवा अधिकारी यशुदीप सिंह ने बताया कि नालागढ़ वन मंडल कार्यालय भी इसके लिए कृत संकल्प है तथा किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए योजना बना ली है। उन्होंने बताया कि इस मंडल के तहत चार परिक्षेत्र हैं, नालागढ़, बद्दी, रामशहर और कोहू। नियमित कर्मचारियों के अतिरिक्त गर्मियों के चार महीनों के लिए 48 फायर वाचर भर्ती किए गए हैं जो पूरे क्षेत्र में निगरानी रखेंगे । इसके अतिरिक्त विभाग ने देशी तकनीक के जुगाड़ से दो फायर टेंडर तैयार किए हैं। इसमें एक गाड़ी पर 2000 लीटर क्षमता का पानी टैंक, मोटर पंप और पाइप होता है जिससे आग बुझाने का काम लिया जा सकता है। ये दोनों गाडि़यां चारों वन परिक्षेत्रों में लगातार घूमती रहेंगी। एक गाड़ी पर लाउड स्पीकर लगा कर पूरे क्षेत्र में गश्त लगा कर लोगों को वनों को आग से बचाने हेतु जागरूक करती रहेगी । साथ ही स्थिति पर नजर रखेगी और सूचित करती रहेगी। इसके अतिरिक्त आग को फैलने से रोकने के लिए जंगलों से चीड़ की पत्तियों को इकट्ठा करने का कार्य भी शुरू किया है। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है।
आग लगी तो भरना पड़ेगा जुर्माना
किसान बिना विभाग से अनुमति लिए अपनी घासणी में आग न लगाएं। इसका उल्लंघन करने पर 100 रुपए प्रति बीघा के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा और यह 10,000 रुपए तक हो सकता है। जब भी विभाग से अनुमति लेकर घासणी में आग लगाएं तो छोड़ कर न जाएं बल्कि आग के बुझने तक वहीं रहें। किसी भी क्षेत्र में आग लगी हो तो विभाग को तुरंत सूचित करें तथा उस पर काबू पाने के लिए वन विभाग से सहयोग करें।
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