कोरोना वायरस के खतरे
-रूप सिंह नेगी, सोलन
किसी भी बीमारी या महामारी से बचने व उसे रोकने के लिए बचाव, सावधानी एवं ऐहतियात बरतना कारगर साबित होते हैं। यानी ‘प्रिवेन्शन इज बैटर दैन क्योर।’ बहुत पहले जब हैजा जैसी महामारी फैली थी तो दवाइयां नाममात्र की हुआ करती थीं, तो बताया जाता है कि लोग महामारी से बचने के लिए गांव-शहर छोड़ कर कुछ अरसे के लिए एकांत स्थानों पर जाया करते थे। कोविड-19 से भी बचा जा सकता है यदि हम एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाए रखें, अपनी इम्युनिटी को बढ़ाएं, सरकारों के दिशा-निर्देशो का सख्ती से पालन करें। यह देखा जाना दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोग शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां उड़ाते हैं। कुछ लोग छुपकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवाजाही करने पर आमादा हैं, जो अपनी व दूसरों के जिंदगी से खिलवाड़ करते है। लॉकडाउन में दी गई छूट का गलत इस्तेमाल न करें क्योंकि आपकी एक गलती कई लोगों पर भारी पड़ सकती है। यह भी जान लेना चाहिए कि इस बीमारी की अभी कोई दवा नहीं है, ऐसे में केवल परहेज के जरिए ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। थोड़ी सी लापरवाही भी कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है।
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