टिड्डी दल को लेकर हमीरपुर अलर्ट

By: May 30th, 2020 12:18 am

कृषि विभाग ने एसएमएस और एडीओ को दिए सतर्क रहने के निर्देश, किसानों को कीटनाशकों का स्प्रे करने का सुझाव

हमीरपुर-किसानों की फसल पर इस बार प्राकृतिक आपदा व बाढ़ का खतरा नहीं बल्कि टिड्डियों के हमले को लेकर अलर्ट किया गया है। कृषि विभाग हमीरपुर ने जिला के सभी एसएमएस व एडीओ को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि टिड्डियों का दल हमीरपुर के किसानों की फसलों को नुकसान न पहुंचा सके। किसानों को टिड्डी दल से बचाव के लिए दवाई का स्प्रे करने के निर्देश दिए हैं, ताकि फसलें सुरक्षित रह सकें। बता दें कि टिड्डियों के दल ने भारत में राजस्थान, गुजरात व मध्य प्रदेश राज्यों में करीब 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा की फसल खराब कर दी है। यही नहीं उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी टिड्डी दल पहुंच गया है। टिड्डी दल दिन भर 100 से 150 किलोमीटर तक उड़ सकती है और 20 से 25 मिनट में ही पूरी फसल बर्बाद कर सकते हैं। इन्हीं कारणों से इसे 27 वर्षों बाद टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि भारत में टिड्डियों का हमला राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में होता था। यह रेगिस्तानी टिड्डे होते हैं, इसलिए इन्हें ब्रीडिंग के लिए रेतीला इलाका पंसद आता है। इन टिड्डियों का ब्रीडिंग पीरियड जून-जुलाई से अक्तूबर-नवंबर तक होता है। एक टिड्डी एक बार में 150 अंडे तक देती है। टिड्डियां  बड़ी तेजी से बढ़ती हैं। इनकी पहली पीड़ी 16 गुना, दूसरी पीड़ी 400 गुना और तीसरी पीड़ी 16 हजार गुना हो जाती है। किसानों को फसलों को टिड्डी से बचाने का वैज्ञानिक तरीका तो कीटनाशकों का छिड़काव है। किसानों को जैसे ही टिड्डियों का दल दिखाई दे, तो वह कृषि विभाग अधिकारियों को सूचित करना सुनिश्चित करें।

कहां से आई टिड्डियां

भारत में टिड्डियां पाकिस्तान के जरिए आती हैं। पाकिस्तान में ईरान के जरिए पहुंचती हैं। इसी वर्ष फरवरी में टिड्डियों के हमले को देखते हुए पाकिस्तान ने नेशनल एमर्जेंसी घोषित कर दी हैं। इसके बाद 11 अप्रैल से भारत में टिड्डियों का आना शुरू हो गया है।

क्या करें किसान

टिड्डी आक्रमण के बचाव हेतु किसान कीटनाशक जैसे मेलाथियान (50 फीसदी ईसी 1850 एमएल/500 लीटर पानी/हेक्टेयर, 25 फीसदी डब्ल्यूपी-3700 ग्राम/500 लीटर पानी/हेक्टेयर) एवं क्लोरपायरीफोस (20 फीसदी ईसी-1200 एमएल/500 लीटर पानी/हेक्टेयर, 50 फीसदी ईसी-500 एमएल/500 लीटर पानी/हेक्टेयर)व जैविक नियंत्रण जीव जैसे मेटारिजियम व व्य्वरिया 200 ग्राम प्रति 30 लीटर पानी प्रति कनाल का प्रयोग कर सकते हैं।


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