बाहरी परिस्थितियां
सद्गुरु जग्गी वासुदेव
जब आप अपने शरीर की सीमाओं से परे चले जाते हैं, तो फिर सर्दी, गर्मी कहां होगी? क्या सर्दी या सर्द हवाएं आप की अंदरूनी गहराई को छू सकेंगी? सर्दी और गर्मी सिर्फ आप की त्वचा की ऊपरी सतह को छू सकती हैं…
एक समय में एक जेन गुरु थे, जो दुनिया भर में बहुत से हिस्सों की यात्रा कर के आए थे। एक दिन वे सुबह के समय सैर करने को निकले, तो एक नया शिष्य उनके साथ हो लिया। अचानक जोर से वर्षा होने लगी। शिष्य ने पास ही के एक केले के वृक्ष से एक बड़ा सा पत्ता तोड़ कर अपने सिर पर रख लिया। फिर उसने अपने गुरु से पूछा, आप दुनिया में बहुत से स्थानों पर गए हैं। गर्मी के मौसम में रहने के लिए कौन सा स्थान सब से अच्छा है? मानसून के लिए कौन सी जगह सब से अच्छी है और सर्दी में रहने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है? गुरु बारिश में चलते रहे और बोले, तुम अगर वास्तव में सबसे अच्छे स्थान पर जाना चाहते हो, तो तुम्हें ऐसे स्थान पर जाना चाहिए जहां न गर्मी हो, न बारिश और न ही सर्दी। शिष्य ने पूछा, क्या आप वहां पर गए हैं?
गुरु बोले, हां, शिष्य ने पुनः पूछा, क्या आप मुझे बताएंगे, वह कहां है। तुम खोज लो और जाओ, गुरु ने कहा और वे बिना रुके चलते रहे। एक शिक्षिका अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को शरीर में होने वाले रक्त संचार के बारे में समझा रही थी। सभी विद्यार्थियों को विषय में शामिल करने के उद्देश्य से उन्होंने एक लड़के से पूछा, मैं अगर अभी सिर के बल खड़ी हो जाऊं, तो सारा खून सिर की ओर बहेगा और मेरा चेहरा लाल हो जाएगा। पर जब मैं अपने पैरों पर सीधी खड़ी रहती हूं, तो मेरे पैर लाल नहीं होते। ऐसा क्यों है? इससे पहले कि वो अपनी पलकें झपका सके, लड़के ने उत्तर दिया, क्योंकि आप के पैर खाली नहीं हैं। जिस शिष्य ने अपने जेन गुरु से सवाल पूछे थे, उसे जीवन के बारे में बस उतना ही पता था जितना यह स्कूली लड़का मानव शरीर के बारे जानता था। गर्मी में रहने के लिए कौन सी जगह सर्वोत्तम है? ऐसी जगह जो ठंडी होगी, वही अच्छी लगेगी। सर्दी के मौसम में जिस स्थान पर ज्यादा धूप होगी, वही स्थान छुट्टियां बिताने के लिए सबसे अच्छा लगेगा। तो यह प्रश्न पूछ कर वह शिष्य अपने इस तरह के दिमागी रुझान को दर्शा रहा है, परंतु गुरु उसे स्मरण करा रहे हैं, ये तुम्हारा जीवन नहीं है। गुरु उससे कह रहे थे, तुम्हारा जीवन इस तरह का है जिसमें तुम ऐसी जगह रहना चाहते हो, जहां न गर्मी हो, न बारिश और न ही सर्दी। वे जिस यात्रा की बात कर रहे हैं वह किसी ऐसे स्थान के बारे में नहीं है जो आप को किसी भौगोलिक नक्शे पर मिल जाएगा। वे सिर्फ इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि आप की यात्रा शारीरिक सीमाओं से परे की होनी चाहिए। जब आप अपने शरीर की सीमाओं से परे चले जाते हैं, तो फिर सर्दी, गर्मी कहां होगी? क्या सर्दी या सर्द हवाएं आप की अंदरूनी गहराई को छू सकेंगी? सर्दी और गर्मी सिर्फ आप की त्वचा की ऊपरी सतह को छू सकती है। यह ऐसा सोचने के बारे में नहीं है कि कौन सा स्थान छुट्टियों के लिए सबसे अच्छा है? क्योंकि यदि आप वहां चले भी गए, तो भी सिर्फ आप का शरीर आराम में होगा पर बाकी सब चीजों के साथ आप आराम में नहीं होंगे, कष्ट में होंगे। आप अभी जहां हैं, वहीं आप अपने अंदर की स्थिति को इस प्रकार की बना लीजिए कि बाहरी परिस्थितियां आप को किसी भी तरह से छू न सकें।
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