पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का आह्वान, सभी विभाग अपने खर्चों में आएं कमी

By: Jun 9th, 2020 12:05 am

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड संकट के मद्देनजर सभी विभागों को अपने खर्चों में कमी करने के निर्देश दिये ताकि कोरोना महामारी से जंग में पैसे की कमी आड़े न आए । वित्तीय प्रबंधन संबंधी कैबिनेट की उच्चधिकार समिति की आज यहां वीडियो कान्फ्रेंस के जरियेे बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व भर के अध्ययन और रिपोर्टों को देखते हुए कोविड 19 की जो गंभीर तस्वीर सामने आ रही हैए उसमें अनुमान अच्छे नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य के समक्ष आर्थिक संकट के बावजूद स्वास्थ्य शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे ज़रूरी क्षेत्रों के पूँजीगत व्यय के 5000 करोड़ रुपए बरकरार रखे जा रहे हैं। कोविड और लॉकडाउन के कारण साल 2020.21 के कुल राजस्व प्राप्तियों में 30 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। राज्य की आर्थिक स्थिति का जायज़ा लेते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि कर्मचारियों तथा पेंशनरों को पैसा समय पर मिलें और साथ ही पीण्एसण्पीण्सीण्एलण् को बिजली सब्सिडी समय पर दी जाए। कोरोना से जंग में चौबीस घंटे काम पर डटे स्वास्थ्यए पुलिस और स्थानीय निकाय विभागों के फ्रंटलाईन कर्मियों को फंड जारी करने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय संकट के बावजूद स्थानीय शहरी इकाइयों तथा पंचायतों को सभी ग्रांटों का सफलतापूर्वक भुगतान किया गया है । मैडीकल बिलोंए पेट्रोल और डीज़ल बिलों और अन्य खर्चों का अब तक भुगतान हो चुका है और साथ ही नए एकीकृत वित्तीय प्रबंधन व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। राज्य को गंभीर आर्थिक संकट से निकालने के लिए कैप्टन सिंह ने तेज़ी से औद्योगिक विकास पर ज़ोर देते हुए राजपुराए बठिंडाए मत्तेवाड़ा ;लुधियानाद्ध और वज़ीराबाद ;फतेहगढ़ साहिबद्ध में औद्योगिक पार्कों के विकास पर और ज्यादा ज़ोर देने की माँग की। उन्होंने कहा कि निवेशकों को आकर्षित करने की तरफ ध्यान देना चाहिएए ख़ासकर वह उद्योग और व्यापार जो महामारी के कारण चीन से बाहर जा रहे हैं। उन्होंने किसानों के लिए बिजली सब्सिडी जारी रहने की बात दोहराते हुये कहा कि राज्य सरकार कर्ज सीमा के अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए इसकी जगह डायरेक्ट कैश ट्रांसफर को इसके विकल्प के तौर पर अपनाए। यह सुधार देश के संघीय ढांचे की उल्लंघना है। वह इस मसले के बारे में प्रधानमंत्री को लिखेंगे क्योंकि केंद्र सरकार राज्यों पर कर्ज लेने के लिए ऐसी शर्तें नहीं लगा सकती।


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