मिशन फतह के तहत मक्का फसल के तहत क्षेत्रफल को किया जाएगा दोगुना, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रखा लक्ष्य

By: Jun 8th, 2020 8:18 pm

जालंधर। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और घटते भूजल को बचाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के फतेह मिशन के तहत किसानों को प्रोत्साहित करके मक्का की खेती के तहत कृषि क्षेत्र को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला के मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि इस महत्त्वाकांक्षी फसल विविधीकरण कार्यक्रम के तहत विभाग किसानों को गुणवत्तापूर्ण मक्का बीज उपलब्ध करा रहा है और जालंधर में इस सीजन में मक्का की खेती के तहत क्षेत्र को 8800 हेक्टेयर से बढ़ाकर 16500 हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग कई हाइब्रिड किस्मों के मक्का बीज दे रहा है जो पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ;पीएयूद्ध द्वारा विधिवत प्रमाणित हैं। उन्होंने कहा कि किस्मों में डीकेसी 9164ए एनके 7750ए एनके.7720ए पी.3396ए पी.3401ए पीएसी.751ए एडीवीजी.9293ए पीएमएच.1ए पीएल.801ए पीएल.901ए टीएक्स.369ए और लक्ष्मी शामिल हैं। किसानों के लिए विभाग के कार्यालयों में 333ए एलजी .3405 और अन्य बीज दिए जा रहे हैं। डॉ सिंह ने बताया कि जिले में भूजल तालिका में 37 सेंटीमीटर की कमी आई है और जालंधर जिले के सभी दस ब्लॉकों को अतिशेष घोषित कर दिया गया है। मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि गिरते भूजल को बचाने के लिए मक्का धान की फसल के लिए पानी का सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक किलो धान के लिए 3700 लीटर पानी की जरूरत होती हैए जबकि एक किलो मक्का के मामले में 1222 लीटर पानी की जरूरत होती हैए जो धान की तुलना में बहुत कम है। डॉ सिंह ने कहा कि धान की जगह मक्का की फसल के साथ हम जिले में भूजल की कमी को रोक सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग मक्का की फसल की विपणन समस्या के मुद्दे पर भी विचार कर रहा है और इस मुद्दे को सुलझाया जा रहा है ताकि अधिकतम किसानों को फसल अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके।


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