लॉकडाउन में बाजार खुलने से ऊना को मिली राहत

By: Jun 1st, 2020 12:08 am

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन से बाजारों में दुकानदारों का धंधा मंदा पड़ गया है। दुकानों को खोलने के इजाजत मिलने के बाद भी बाजार सुना पड़ा है। बसें न चलने के कारण बाजारों में खरीददार कम की पहुंच रहे हैं। लिहाजा दुकानदारों का काम 20 प्रतिशत ही सिमट तक रह गया है। दुकानदार हालत सामान्य होने तथा उनका कामकाज दोबारा पहले की तरह चलने की उम्मीद से आश लगाए बैठे हैं। ग्राहक जरूरी वस्तुओं के अलावा अन्य कोई भी सामान नहीं खरीद रहे हैं। वहीं, दिव्य हिमाचल के समक्ष लोगों ने कुछ यूं अपनी राय रखी…       

    निजी संवाददाता, थानाकलां

लॉकडाउन में बाजार खुलने से कुछ राहत

दुकानदार सुखदेव का कहना है कि लॉकडाउन में बाजार खुलने से कुछ ही राहत मिली है, लेकिन जो हालात पहले थे। अब वैसे हालात नही हैं। ग्राहक भी घर से कम ही निकल रहे हैं। अगर हालात सामान्य होंगे तभी काम अच्छे से चल पाएगा।

सब्जी की बिक्री ज्यादा असर नहीं

सब्जी विक्रेता दौलतराम का कहना है कि सब्जी की बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है, क्योंकि खाना तो हमें रोज ही खाना है।  शुरू-शुरू में सप्लाई की दिक्कत आई थी, लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया है। ग्राहक समय से खरीददारी करते हैं।

शुरू-शुरू में आई दिक्कत, अब सप्लाई सही

दुकानदार प्रवेश कुमार कहते हैं कि दो महीने बाद दुकानें खुलने से काफी उम्मीद जगी थी, लेकिन ग्राहकों की कमी के कारण ज्यादा सेल नहीं हो पा रही है। शुरू-शुरू में सप्लाई कम थी, लेकिन अब सप्लाई ठीक है।

हर छोटी-बड़ी जरूरत पूरी होने की उम्मीद

जनरल स्टोर चंचला देवी का कहना है कि लॉकडाउन में बाजार खुलने से एक मिडल क्लास आदमी की रोजी-रोटी चल पड़ी है। हर छोटी-बड़ी ज़रूरतें पूरी होने की उम्मीद जगी है। हालात सामान्य होने में कम से कम एक साल लगेगा।

सेनेटाइजर और डिटॉल की सबसे ज्यादा डिमांड

केमिस्ट राजीव कुमार कहना है कि कोरोना महामारी के चलते दवाइयों की दुकानें तो खुली ही रहीं थीं। लेकिन इस महामारी के चलते सेनेटाइजर व डिटॉल की डिमांड सबसे ज्यादा बढ़ी है। पहले सेनेटाइजर जिसे कोई भी खरीददता नहीं था, उसकी कमी हो गई। फिलहाल अभी हालात सामान्य होने को समय लगेगा। सामान की सप्लाई हो रही है।


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