बच्चों को दें सही शिक्षा

By: Jun 12th, 2020 11:05 am

हर पेरेंट्स अपने बच्चे को प्यार करते हैं। वो चाहते हैं कि अपने बच्चे को वो सारी खुशियां दें, जो वो अफॉर्ड कर सकते हैं। लेकिन मनोवैज्ञानिकों के अनुसार जिन बच्चों की बचपन से हर तरह की इच्छा पूरी की जाती है, उनका व्यावहारिक विकास अच्छी तरह नहीं हो पाता है। व्यावहारिक विकास की हम सभी के जीवन में बड़ी भूमिका है…

बच्चों

का दिमाग कोरे कागज के जैसा होता है। मां-बाप, भाई-बहन, घर के दूसरे सदस्य, रिश्तेदार, पड़ोसी, दोस्त और समाज सबके असर से धीरे-धीरे बच्चे समाज में जीना सीखते हैं। इन सभी में पेरेंट्स का सहयोग सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण होता है। आमतौर पर बच्चे शुरुआती दिनों में सबसे ज्यादा समय पेरेंट्स के साथ गुजारते हैं। इसलिए उनके मन, मस्तिष्क, स्वभाव और व्यवहार पर सबसे ज्यादा असर भी पेरेंट्स का ही पड़ता है। लेकिन कई बार अनजाने में पेरेंट्स कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे बच्चों का मस्तिष्क कमजोर होता जाता है और उन्हें जीवन में आगे कई तरह की चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

बच्चों की हर जिद को पूरा करना

हर पेरेंट्स अपने बच्चे को प्यार करते हैं। वो चाहते हैं कि अपने बच्चे को वो सारी खुशियां दें, जो वो अफॉर्ड कर सकते हैं। लेकिन मनोवैज्ञानिकों के अनुसार जिन बच्चों की बचपन से हर तरह की इच्छा पूरी की जाती है, उनका व्यावहारिक विकास अच्छी तरह नहीं हो पाता है। व्यावहारिक विकास की हम सभी के जीवन में बड़ी भूमिका है।  इसलिए बच्चों की हर जिद को पूरी करने के पीछे न भागें, पहले इस बात का विश्लेषण करें कि बच्चे को उस चीज की कितनी जरूरत है।

बच्चों को समय न देना

अगर पेरेंट्स इतने बिजी रहते हैं कि बच्चों को भी समय नहीं दे सकते हैं, तो इससे भी बच्चे के मानसिक विकास और सामाजिक विकास पर असर पड़ता है। बच्चों को बिलकुल आजाद कर देना और बिलकुल नजर न रखने से बच्चे अपने मन की तो करते ही हैं, साथ ही कई बार कुछ गलत करने पर पेरेंट्स से छिपाते और झूठ भी बोलते हैं। इसलिए बच्चों को थोड़ा समय जरूर दें। उनसे बात करें, उनके दिन के बारे में पूछें, उनके दोस्तों की जानकारी रखें।

बच्चों को अधिक बंधनों में रखना

बच्चों पर थोड़ा-बहुत अंकुश जरूरी है, क्योंकि उनका मन चंचल होता है और उन्हें अपने सही-गलत की समझ नहीं होती है, लेकिन अधिक बंधनों में रखने से बच्चे का मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है। पेरेंट्स अकसर समझते हैं कि पढ़ाई-लिखाई के द्वारा ही बच्चा जीवन में सफल हो सकता है। मगर एकेडमिक ज्ञान के अलावा व्यावहारिक ज्ञान और सामाजिकता भी जरूरी है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App