एकता का समय, कर्म सिंह ठाकुर, लेखक सुंदरनगर से हैं

By: Jun 22nd, 2020 12:06 am

image description

कर्म सिंह ठाकुर

लेखक सुंदरनगर से हैं

वर्तमान समय में पूरी दुनिया कोरोना महामारी के प्रकोप का दंश झेल रही है, वहीं दूसरी तरफ एक बहुत बड़ा वर्ग हमारे देश को तोड़ने में लगा हुआ है। इसमें हमारे देश के कुछ बुद्धिजीवी विदेशी ताकतों व उनके दिमाग की कठपुतलियां बन चुके हैं, जिन्हें भारत माता की जय बोलने में शर्म आती है। इस देश का अन्न-जल ग्रहण करने के बाद भी उनका दिलो-दिमाग विदेशी ताकतों के लिए धड़कता है। ऐसे गद्दारों से देश को बचाने के लिए बहुत बड़े वर्ग को सामने आना होगा। देश की सीमाओं पर भी कुछ समय से माहौल गरमाया हुआ है। 15 जून 2020 को लद्दाख के भारत-चीन बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच में हुई झड़प में देश को करीब 20 बहादुर जवानों की शहादत का समाचार मिला। पिछले करीब 45 वर्षों के बाद भारत-चीन सीमा पर यह खूनी झड़प देखने को मिली। विभिन्न तरह के न्यूज चैनलों, समाचार पत्रों, सोशल मीडिया इत्यादि प्लेटफार्म पर इन वीर जवानों की शहादत को लेकर हर आंख गमगीन थी। मौत को गले लगाना बच्चों का खेल नहीं होता। घर से कई हजार किलोमीटर दूर जाकर देश के लिए मर-मिटने का सपना जहन में रखना सबके वश की बात नहीं है। कुछ बुद्धिजीवी टेलीविजन चैनलों तथा सोशल मीडिया पर शेर बनते तो दिखते हैं, लेकिन जब देश के लिए मर-मिटने की बात आती है तो अपने बिल में छुप जाते हैं। कुछ राजनीतिक दल अपनी सियासी रोटियां सेंकने के लिए वीर बहादुर जवानों की शहादत पर भी टिप्पणियां करने से परहेज नहीं करते। यदि भारतीय सेना इन राजनीतिक पाखंडियों की कठपुतली बन गई तो विदेशी ताकतें भारत को तहस-नहस कर देंगी। ऐसे में देश से सच्ची भक्ति रखने वाले नेताओं का चयन होना वर्तमान में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुका है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर तथा लाहुल-स्पीति जिलों की सीमाएं चीन के साथ लगती हैं। प्रदेश सरकार ने दोनों जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। भारत और चीन के बीच हिमाचल प्रदेश की सीमाओं का सामरिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। ऐसे में सीमा पर बढ़ते तनाव से हिमाचलियों के दिलों में भी घबराहट का होना स्वाभाविक है। हिमाचल प्रदेश के हर तीसरे परिवार से नौजवान भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। इतिहास में भी जब-जब देश पर संकट आया तो प्रदेश के वीर जवानों ने अपनी शहादत  का लोहा मनवाया है। 15 जून 2020 को हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाले 21 वर्षीय अंकुश ठाकुर ने भी अपने जीवन को इस देश के भविष्य के लिए कुर्बान किया। भारतीय सेनाओं की भी सजगता को सीमाओं पर बढ़ाना लाजिमी हो गया है। पड़ोसी देश चीन कभी भी किसी भी तरह की चाल खेल सकता है। ऐसे में बॉर्डर पर लड़ने गए बहादुर वीर जवानों की हौसला-अफजाई तथा उनकी सलामती के लिए संपूर्ण भारत को एकजुट होकर प्रार्थना करनी चाहिए तथा देशद्रोही तत्त्वों को निरस्त करने के लिए स्वदेशी भारत के मार्ग को प्रशस्त करें। राजनीतिक दल भी अपने दल के नफा-नुकसान के लिए देश की एकता व अखंडता को दाव पर न लगाएं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App