घर में आयुर्वेद

By: Jun 24th, 2020 11:08 am

– डा. जगीर सिंह पठानिया

सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक,

आयुर्वेद, बनखंडी

अश्वगंधा के औषधीय गुण

अश्वगंधा का झाड़ीनुमा पौधा होता है, जिसकी जड़ों का औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह प्रायः बंजर जमीन में स्वतःही होता है, लेकिन इसकी मध्य प्रदेश व राजस्थान में खेती भी की जाती है। इसमें कई विटामिन व मिनरल भी पाए जाते हैं।

रसायन के रूप में- इसमें कई तरह के विटामिन व मिनरल पाए जाते हैं, इसलिए इसका टॉनिक के रूप प्रयोग किया जाता है। रोगप्रतिरोधी क्षमता वर्धक – रोगप्रतिरोधी क्षमता की कमी के कारण अगर किसी को बार-बार जुकाम, खांसी, सर्दी, बुखार होता है, तो इसका प्रयोग बहुत लाभदायी माना जाता है। इसका लगातार प्रयोग शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति पैदा करता है।

स्ट्रेस व मानसकि अवसाद में- शारीरिक व मानसिक स्ट्रेस व थकावट तथा अवसाद यानी घबराहट में भी अश्वगंधा से लाभ होता है। ऐसी अवस्था में हमारे शरीर में विभिन्न हार्मोंस व मस्तिष्क का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे हमारा ब्लड प्रेशर कम या अधिक हो जाता है, जिन्हे ये संतुलित रखता है। कोलेस्ट्रॉल व ट्रिग्लीसराइड को भी कम करता है।

दिमागी टॉनिक के रूप में- यह हमारे दिमाग की कोशिकाओं को पुष्ट करता है, जिससे हमारी याददाश्त व एकाग्रता की में वृद्धि होती है। यह अनिद्रा को भी दूर करता है।

वात व्याधियों में-  इसका प्रयोग आमवात, अर्धांग वात, अस्थिशूल, मांसशूल में किया जाता है।


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