स्पीति में सरकार के खिलाफ नारे

By: Jun 16th, 2020 12:10 am

महिलाओं के समर्थन में उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता, केस दर्ज न करने की रखी मांग

केलांग-कृषि मंत्री के काफिले को रोकने और बिना अनुमति प्रदर्शन करने को लेकर स्पीति की महिलाओं पर जहां प्रशासन ने मामला दर्ज करने की बात कही है, वहीं इस निर्णय के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को स्पीति के मुख्यालय काजा में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जहां स्पीति की महिलाओं का समर्थन करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि अगर बेवजह ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया गया, तो कांग्रेस जिला के हर क्षेत्र में जहां प्रदर्शन करेगी, वहीं अपना आंदोलन तेज करेगी। लाहुल-स्पीति कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश में जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं राज्य का लाहुल-स्पीति एक मात्र ऐसा जिला है, जहां पर अभी तक कोरोना अपना खाता नहीं खोल पाया है। उनका कहना है कि घाटी की महिलाओं ने जहां कोरोना को मात देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, वहीं स्थानीय महिलाओं व ग्रामीणों की जागरूकता का ही परिणाम है कि लाहुल-स्पीति अभी भी प्रदेश के ग्रीन जोन में बना हुआ है। स्पीति ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष छेरिंग ने इस दौरान कहा कि बाहरी क्षेत्रों से आने वाले लोगों को जहां नियमों के तहत होम व संस्थागत क्वारंटाइन किया जाता है, वहीं हाल ही में कृषि मंत्री के स्पीति दौरे पर आने का जहां महिलाओं ने उक्त बातों को ध्यान में रख उनके काफिले को रोका था और प्रशासन से यही मांग की थी कि अगर बाहर से आने वाले सभी लोगों को क्वारंटाइन किया जाता है, तो कृषि मंत्री को क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि कोरोना के खतरे को ध्यान में रख महिलाओं ने यह बात कही तो इसमें क्या गलत किया। छेरिंग ने कहा कि आज प्रशासन जहां उक्त मामले को लेकर महिलाओं पर मामला दर्ज करने की बात कर रहा है, वहीं कांग्रेस पार्टी स्पीति की महिलाओं के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सोमवार को काजा में महिलाओं के समर्थन में जहां कांग्रेस कार्यकार्ताओं ने रैली निकाली, वहीं ग्रांफू-सुमदो सड़क को लेकर सरकार द्वारा जारी की गई नई अधिसूचना के विरोध में भी प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सड़कों को चकाचक किया जाएगा और इन सड़कों की देखरेख बीआरओ करेगा, दूसरी तरफ तिब्बत बोर्ड तक जाने वाली ग्रांफू-सुमदो सड़क को बीआरओ से लेकर पीडब्ल्यूडी के हवाले करना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से बीआरओ ही इस सड़क को देख रही है। ऐसे में इस वर्ष पीडब्ल्यूडी को सड़क की देखरेख की जिम्मेदारी देना जहां समझ से परे है, वहीं सैकड़ों मजदूरों की रोजी-रोटी पर भी संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि लाहुल-स्पीति कांग्रेस इस नई अधिसूचना का विरोध करती है और सरकार से यह मांग करती है कि इस नई अधिसूचना को तुरंत रद्द किया जाए।  उधर, लाहुल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जहां काजा में स्थानीय महिलाओं के समर्थन में रैली निकाली, वहीं ग्रामीणों पर मामला दर्ज करने के फैसले का भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एसडीएम केलांग व एडीसी काजा को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है।

धरने प्रदर्शन में ये रहे शामिल

सोमवार को काजा में कांग्रेस द्वारा बोला गया सरकार के खिलाफ हल्ले में स्पीति कांग्रेस के अध्यक्ष छेरिंग टशी, सोहन सिंह, दोरजे छौपेल,तनपा,कलजिंग फूचोंग, पासंग डोलमा,केसंग, ज्ञालसन,अंगदुई लोवजंग, छेवांग, लोवजंग टनडुप,राम सिंह, डेकिन, तेजिंग नंगल, प्रकाश चंद, नामग्याल सहित अन्य कार्यकार्ताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई।

 

 

 


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