पवित्र किन्नर कैलाश यात्रा पर प्रतिबंध
कोरोना संकट के चलते प्रशासन ने लिया फैसला, कोई गया तो कार्रवाई
रिकांगपिओ – हर वर्ष किन्नौर जिला में पहली अगस्त से 11 अगस्त तक आयोजित की जाने वाली किन्नर कैलाश यात्रा पर इस बार प्रशासन ने रोक लगा दी है। यह फैसला देश में व्यापक कोरोना महामारी को देखते हुए लिया गया है। एसडीएम कल्पा डा. मेजर अवनिंद्र कुमार ने बताया कि पूरे देश में व्यापक महामारी चल रहा है। संक्रमण से किन्नौर जिला भी अछूता नहीं है। जिला में भी कोरोना के कई मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी हुए हैं कि महामारी के दौरान किसी भी प्रकार की धार्मिक गैदरिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती। ऐसे में प्रशासन की ओर से निर्णय लिया गया है कि इस बार किन्नर कैलाश यात्रा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे में यदि कोई व्यक्ति किन्नर कैलाश यात्रा करते पकड़ा गया, तो उसे गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेशों की अवहेलना माना जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि वेद पुराणों में महादेव के पांच प्रमुख तीर्थ स्थल बताए गए हैं, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, मणिमहेश यात्रा, श्री खंड यात्रा सहित किन्नर कैलाश यात्रा प्रमुख है। इनमें से किन्नर कैलाश को शिव का शीतकालीन प्रवास स्थल माना गया है। हर वर्ष हजारों की तादात में शिव भगत किन्नर कैलाश के दर्शन के लिए किन्नौर पहुंचते हैं, लेकिन इस वर्ष किन्नर कैलाश यात्रा पर लगे प्रतिबंध के कारण शिव भक्तों को दूर से ही किन्नर कैलाश के दर्शन करने पड़ेंगे।
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