बॉडी कैम से लैस होंगे फोरेस्ट गार्ड

By: Jul 1st, 2020 12:01 am

शिमला – हिमाचल प्रदेश में वन रक्षकों को पहले  हथियार दिए गए ताकि उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित बनाया जा सके। अब सरकार इन फोरेस्ट गार्ड्स को बॉडी कैम देने जा रही है। सूत्रों के अनुसार इस पर फैसला हो गया है। फोरेस्ट मिनिस्टर गोविंद सिंह ठाकुर ने वन विभाग को इसके लिए वित्तीय प्रबंधन करने को कहा गया है और कैंपा अकाउंट से इस पर पैसा खर्च किया जाएगा। राज्य में सेंसेटिव बीट में जो फोरेस्ट गार्ड तैनात हैं, उनको पहले चरण में बॉडी कैम दिए जाएंगे। उनके शरीर पर ऐसे कैमरे होेंगे, जिनसे जंगल का पूरा वातावरण दिखेगा। जंगल में उनकी गश्त के दौरान क्या-क्या घटित हो रहा है, इसका पूरा पता चलेगा और यह रिकॉर्डिंग होती रहेगी। बता दें कि यहां पर वन रक्षकों पर कई हमले भी पूर्व में हो चुके हैं। यहां तक कि वन रक्षकों की हत्या के मामले भी सामने आए हैं। करसोग में होशियार सिंह की हत्या अभी तक सभी को याद है, जिस पर सीबीआई जांच चल रही है। इसे देखते हुए सरकार ने होशियार हैल्पलाइन भी बना रखी है। इसके बाद वनरक्षकों को सुरक्षा के लिहाज से हथियार देने का निर्णय सरकार ने लिया था। अब उनको बॉडी कैम देकर सरकार और अधिक सुरक्षा देगी। इससे किसी भी वारदात से संबंधित सभी बातें रिकॉर्ड हो सकेंगी, जो कि एक एविडेंस के रूप में भी इस्तेमाल होंगी। सूचना के अनुसार वन विभाग के कैंपा फंड से इस काम के लिए भी पैसा दिया जाएगा। कुल दो करोड़ रुपए का प्रावधान कैंपा अकाउंट से किया जा रहा है, जिससे चरणबद्ध ढंग से बॉडीकैम खरीदे जाएंगे। राज्य में ऐसी कई सेंसेटिव बीट हैं, जहां पर गश्त बढ़ाने की जरूरत है। यहां पर लगातार वनकाटु समय-समय पर अपना सिर उठाते रहते हैं। बॉडी कैम के माध्यम से जंगल की गतिविधियों पर नजर रहेगी, वहीं जंगल की आग की घटनाओं को लेकर भी इससे नजर रहेगी।

प्रदेश में 3000 वररक्षक

हिमाचल प्रदेश में 3000 फोरेस्ट गार्ड हैं, जिनमें जो लोग सेंसेटिव बीट में हैं, उनको जल्दी ही बॉडी कैम दे दिए जाएंगे। इससे इन गार्ड्स की गतिविधियों पर भी नजर रह सकेगी कि वे तय समय पर जंगल का दौरा करते हैं या फिर नहीं। उनके लिए भी एक पाबंदी हो जाएगी। उनको अपने कपड़ों पर रोजाना इस बॉडी कैम को लगाकर ही बीट में जाना होगा।


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