21000 की एंट्री रोकी; नए सिरे से करना होगा आवेदन, देने होंगे एड्रेस प्रूफ
कोविड ई-पास के सॉफ्टवेयर पर करना होगा आवेदन
कागजात की स्क्रूटनी के बाद जिला प्रशासन देगा इजाजत
कोई भी जानकारी गलत पाए जाने पर दर्ज होगा क्रिमिनल केस
शिमला- हिमाचल आ रहे सभी पंजीकृत लोगों का आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया है। इस फेहरिस्त में शामिल करीब 21 हजार लोग रजिस्ट्रेशन के आधार पर बाहरी राज्य से आ रहे थे। बुधवार शाम इन सभी का पंजीकरण रद्द करेन की सूचना जारी कर नए सिरे से आवेदन करने को कहा है। अहम है कि अब दोबारा आवेदन के लिए इन सभी को अपने ऑरिजन (प्रस्थान) तथा डेस्टिनेशन (गंतव्य) का अड्रेस प्रूफ अपलोड करने को कहा गया है। आवेदन पहले की तरह कोविड ई-पास के सॉफ्टवेयर पर करना होगा। इसी कारण पहले से पंजीकृत उन लोगों के आवेदन रद्द किए हैं, जिन्होंने हिमाचल आने के लिए रजिस्ट्रेशन की थी। खास है कि 21 हजार पंजीकृत लोगों का वह आंकड़ा है, जिन्होंने अभी हिमाचल के बॉर्डर पर एंट्री नहीं की है। बहरहाल अब इनके आवेदन में अपलोड किए गए दस्तावेजों की बाकायदा स्क्रूटनी होगी। संबंधित जिला प्रशासन दस्तावेजों की जांच करने के बाद ही वैध आवेदनों पर हरी झंडी देगा। इसके तहत हाई लोड सिटी से आने वाले लोगों को इंस्टीच्यूशनल क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। हालांकि राज्य सरकार ने प्रदेश में आने वाले हिमाचलियों को कोविड टेस्ट के आधार पर क्वारंटाइन की छूट से बड़ी राहत दी है। इसके लिए 72 घंटे के भीतर कोविड टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट होना जरूरी है। इसकी रिपोर्ट भी आवेदन के साथ अपलोड करनी होगी। इसके अलावा परीक्षार्थियों, व्यापारियों तथा सर्विस प्रोवाइडर सहित तमाम चिन्हित श्रेणियों के लोगों को क्वारंटाइन से छूट लेने के लिए अपने दस्तावेज संलग्न करने होंगे। मसलन शादी, मृत्यु या बीमारी की सूरत में आवाजाही करने वाले लोगों को अपना पर्पज दस्तावेज सहित दर्शाना जरूरी होगा। खास है कि जिला प्रशासन सभी दस्तावेजों की स्क्रूटनी करेगा। कोई भी सूचना या कागजात फर्जी पाया गया, तो उसे हिमाचल में एंट्री तो दूर ऐसे मामलों में सरकार क्रिमिनल केस दर्ज करेगी।
फिलहाल नहीं खुलेंगे हिमाचल के मंदिर
हिमाचल के मंदिर फिलहाल नहीं खुलेंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित जिला के डीसी-एसपी की वीसी में ये संकेत दिए गए। हालांकि डीसी मंडी और कुल्लू सहित कुछ उपायुक्तों ने छोटे मंदिर खोलने की सिफारिश की। इसके विपरीत कांगड़ा, ऊना और बिलासपुर के उपायुक्तों ने मंदिरों को बंद रखने का आग्रह किया।
बार खोलने पर अभी फैसला नहीं
शराब के मयखाने (बार) खोलने पर भी फैसला नहीं हो सका। बैठक में कई उपायुक्तों ने सरकार को प्रस्ताव दिया कि प्रदेश में होटल-रेस्तरां और शराब के ठेके खुल चुके हैं। इस कारण बार खोलने की भी अनुमति दी जाए। बावजूद इसके सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए कहा कि इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।
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